निरीक्षकों की भारी कमी, केवल 9 फीसदी सैम्पल ही लिए
- 643 सैंपल लेने थे लिए मात्र 71 तीन सैंपल अमानक पाए गए
झालावाड़। खरीफ सीजन शुरू होते ही जिले में किसानों की खाद-बीज की खरीदारी तेज हो गई है। लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के चलते हजारों किसानों को बिना बिल के खाद और बीज बेचे जा रहे हैं। जिले में 1750 से अधिक कृषि आदान विक्रेताओं की दुकानें है। लेकिन इनके मुकाबले महज 9 कृषि निरीक्षक ही कार्यरत हैं, इस कारण ना तो सघन निरीक्षण हो पा रहा है और ना ही नकली व मिलावटी माल की समय पर पहचान। गौरतलब है कि गत वर्ष खानपुर क्षेत्र में नकली कीटनाशक के कारण कई किसानों की फसल चौपट हो गई थी।
जिले में उर्वरक के 293 सैंंपल लेने है, लेकिन अभी तक 51 ही लिए। वहीं बीज के 252 सैंपल लेने है, लेकिन अभी तक 15 ही लिए। इसी तरह पेस्टीसाइड के 98 नमूने लेकर इनकी समय पर जांच करनी है, जबकि अभी तक 5 ही सैंपल लिए गए है। समय पर सैंपल नहीं लेने का खामियाजा किसान को भुगतना पड़ता है। किसान खेतों में उर्वरक और बीज डाल देता है, उसके बाद जांच रिपोर्ट आती है, ऐसे में नकली का पता नहीं चलने पर किसानों को काफ ी नुकसान होता है।गत वर्ष भी खानपुर में कई किसानों को नकली कीटनाशक देने से पूरी फसल ही खराब हो गई थी। ऐसे में समय रहते जांच होना जरूरी है।
कई दुकानदार किसानों को हाथ से बने कच्चे बिल थमा रहे हैं या बिल दे ही नहीं रहे। इससे नकली माल के खिलाफ सबूत नहीं मिलता और किसान शिकायत नहीं कर पाते। कृषि विभाग द्वारा किसानों को पक्का बिल लेने की समझाइश की जा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर निगरानी बेहद कमजोर है। जिले में कृषि क्षेत्र को देखते हुए यहां 25 से 30 निरीक्षकों की जरूरत है, लेकिन निरीक्षकों के कुल 13 पद स्वीकृत है, जिसमें 9 ही भरे हुए है। चार पद खाली चल रहे है।
बीज विक्रेताओं की दुकानें- 950
उर्वरक विक्रेता- 815
कीटनाशक विक्रेता- 875
'' किसानों को सलाह दी जाती है कि वे केवल अनुज्ञापत्रधारी आदान विक्रेताओं से ही बीजए उर्वरक एवं कीटनाशक खरीदें और पक्का बिल अवश्य प्राप्त करें। यदि किसी दुकान पर बिना लाइसेंस, नकली या बिना बिल का माल बेचा जा रहा हो या किसी भी प्रकार की अनियमितता नजर आए तो इसकी शिकायत जिला कृषि विभाग के कंट्रोल रूम नंबर 07432-32232345 पर करें। गुण नियंत्रण अभियान के तहत कृषि निरीक्षक नियमित रूप से फ ील्ड में जाकर सैंपलिंग कार्य कर रहे हैं, ताकि नकली और मिलावटी उत्पादों पर समय रहते कार्रवाई की जा सके।
Published on:
11 Jun 2025 08:32 pm