जानकारी के अनुसार अकलेरा नगरपालिका में वर्ष 2017 में 6 टेम्पो की खरीद हुई थी। इनको घर-घर कचरा संग्रहण में लगाया हुआ है। साथ ही एक सावल मशीन भी खरीदी गई थी। इन सभी वाहनों के फिटनेस और बीमा की अवधि खत्म हो गई है। टेम्पो के फिटनेस तो 2019 से खत्म चल रहे हैं और बीमे भी 2022 से खत्म हो चुका। कई टेम्पो पर तो नंबर प्लेट तक नहीं है। ये वाहन नगर की गलियों में फर्राटे से दौड़ रहे हैं।
अनहोनी पर कौन जिम्मेदार
यदि नगर पालिका के इन वाहनों से कोई दुघर्टना होती है और इसमें किसी व्यक्ति को क्षति पहुंचती है तो जिम्मेदार कौन होगा। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। नगरपालिका द्वारा संचालित वाहन बिना बीमा के दौड़ रहे हैं। सरकारी विभाग होने के कारण इनका रजिस्ट्रेशन तो नि:शुल्क हो जाता है। लेकिन बीमा कराने के नाम पर पूरी तरह लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि यदि इन वाहनों से कोई हादसा हो जाए तो पीड़ित को क्लेम कहां से मिलेगा।
जरूरी नियम भी दरकिनार
सरकारी आदेश के अनुसार प्रत्येक सरकारी वाहन का पंजीकरण आरटीओ से नि:शुल्क होता है। इन वाहनों का पंजीकरण करने में विभाग इतनी नरमी बरत रहे हैं कि बीमा करना जरूरी नहीं समझ रहे। वहीं इन वाहनों की सड़कों पर फिटनेस या बीमा आदि की जांच भी नहीं होती है। यदि वाहन का इंश्योरेंस नहीं है तो संचालन नहीं कराया जा सकता है। पकड़े जाने पर जुर्माने का प्रावधान है। नंबर प्लेट नहीं होने पर पांच हजार और फिटनेस नहीं होने पर पांच हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है।
व्यावसायिक होगा बीमा
यदि नगर पालिका अपने वाहनों का बीमा कराए तो वह व्यावसायिक वाहन के तौर पर होगा। ऐसे में औसतन एक वाहन का बीमा एक वर्ष के लिए लगभग बीस हजार रुपए में होगा। ऐसे में स्थानीय निकाय के वाहनों का प्रति वर्ष बीमा कराने के लिए करीब लाखों रुपयों की जरूरत होगी। जिसका कागजों में बिल तो उठा लिया जाता है लेकिन वाहनों का बीमा नहीं हो रहा।
मुझे वाहनों के बीमा और फिटनेस नहीं होने की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो सभी वाहनों का बीमा और फिटनेस कराया जाएगा। साथ ही अभी तक यह काम क्यों नहीं हुआ और राशि उठाई है तो इसकी जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
दुर्गा मौर्य, अधिशासी अधिकारी, नगरपालिका अकलेरा