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सभी संक्रमित डिस्चार्ज हो घर पहुंचे, पिड़ावा ने जीती कोरोना से जंग

स्थानीय स्तर पर कफ्र्यू की सख्ती से पालना

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स्थानीय स्तर पर कफ्र्यू की सख्ती से पालना,स्थानीय स्तर पर कफ्र्यू की सख्ती से पालना

पिड़ावा. नगर के कोरोना संक्रमित सभी 20 मरीजों के स्वस्थ होने पर हर्ष का माहौल है। 7 अप्रेल को 3 लोगों के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद से यहां जीरो मोबिलिटी लगी। जैसे-जैसे कोरोना की जांच होती गई, संक्रमित मरीजों का संख्या भी बढ़ती रही। जो 20 तक पहुंच गई। पिछले 25 दिन से हैरान परेशान नगरवासियों के लिए ये दिन किसी पर्व से कम नहीं रहा। सभी संक्रमित डिस्चार्ज हो घर लौट आए। इसके साथ ही नगर कोरोना मुक्त हो गया।
कफ्र्यू की सख्ती
स्थानीय पुलिस प्रशासन, उपखण्ड अधिकारी श्रवण सिंह राजावत व वृत्त निरीक्षक धन्नाराम चौधरी व तहसीदार लक्ष्मीनारायण प्रजापति, सीआई महेश सिंह चारण ने स्थानीय स्तर पर कफ्र्यू की सख्ती से पालना कराई। बीपीएम शरद शर्मा ने सराहनीय कार्य किया।
नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के सैम्पल लिए
पिड़ावा और नजदीकी गांवों डोला से 4, गुराडिय़ा से 4, कोटड़ी से 3, ओडिय़ाखेड़ी से 6, धरोनिया से 10, दांता से 3, मायाखेड़ी से 2, रामपुरिया से 2 सैम्पल लिए, सभी नेगेटीव आए।
वहीं सीएमएचओ साजिद खान ने बताया कि जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के विशेष प्रकार की तकनीक, कार्ययोजना व प्रयासों से ही संभव हो सका। झालावाड़ में भी पिड़ावा पैटर्न पर कार्य प्रगतिशील है, वहां भी कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण और रोकथाम कर जीत हासिल करेंगे।
137 सैंपल की जांच आई नेगेटिव
झालावाड़. मेडिकल कॉलेज झालावाड़ में रविवार को 137 सैंपल की जांच हुई। डीन डॉ. दीपक गुप्ता ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों के 137 सैंपल की जांच प्रथम चरण में हुई सभी जांच नेगेटिव आई।

लंबे इंतजार के बाद प्रवासी मजदूर घर के लिए रवाना
काम-धंधे ठप होने से बने हालात
भीमसागर. देश में लॉकडाउन के बाद सारे काम-धंधे ठप होने के साथ ही मजदूर वर्ग के लोग घरों पर जाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों को घर भेजने की सूचना के बाद से खानपुर उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत मुख्यालय बाघेर में बिहार राज्य के अनेक जिलों के प्रवासी मजदूर विद्यालय एवं पंचायत परिसर में जमा हो गए। मजदूरों का चिकित्सा स्वास्थ्य मेडिकल टीम से चेकअप भी करा लिया है। बिहार के चंपारण जिला निवासी मोहन बीन, शिवप्रसाद, मुन्ना, उपेंद्र ने बताया कि अब घर जाने का बेसब्री इंतजार है। वहीं सत्येंद्र, अशोक, प्रदीप, अजय, विनय ने बताया कि कोटा जंक्शन से ट्रेन जाना शुरू हो गई है। हम लोगों को जल्द सरकार भेजने की व्यवस्था करें। करीब 16 प्रवासी मजदूर बाघेर रुके है, तो 5 मऊ बोरदा समेत क्षेत्र के अन्य स्थानों के बिहार राज्य के प्रवासी मजदूर उपखंड में मजदूरी कर रहे हैं। जो घरों पर जाने का इंतजार कर रहे हैं। मजदूर उपखंड में तालाबों में मछली पालन के कार्य में मजदूरी करते हैं। तो कई मकानों पर प्लास्टर एवं कारीगरी का काम करने के लिए आए हंै।
देर शाम को रवाना किया
प्रवासी मजदूरों को रवाना करने को लेकर प्रशासन ने इंतजाम कर रखे थे। तत्काल झालावाड़ डिपो की 5 बसों में खानपुर उपखण्ड में रुके मजदूरों को लेने देर शाम को बस पहुँची। पटवारी बालमुकुंद मालव, ग्राम विकास अधिकारी भेरूलाल ने बताया कि रोडवेज बसों के माध्यम से मजदूरों को रवाना करवा दिया है। इन मजदूरों को बसें कोटा जंक्शन छोड़कर आएंगी वाह से ट्रेन के द्वारा इन लोगों को बिहार छोड़ा जाएगा
मजदूरों को बिहार भेजा
भवानीमंडी. लॉकडाउन के चलते डेढ़ माह से अन्य राज्यों के अटके श्रमिक को घर के लिए रवाना किया। रेलवे स्टेशन दोनों सीमाओं से लगा होने से दोनों राज्यों के प्रशासन द्वारा 4 दिन में करीब 560 से अधिक श्रमिकों को घर भेज दिया है। नायाब तहसीलदार मुकूट बिहारी ने बताया की कलक्टर के आदेश के बाद पटवारीयों को दिशा निर्देश के बाद अने क्षेत्र में रह रहे बाहर के मजदूरों का चयन कर रवाना किया जा रहा है। रविवार को बचे हुए 10 बिहार के मजदूरों को भी रवाना कर दिया है, इससे पूर्व उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश व राजस्थान के अन्य जिले के श्रमिकों को रवाना किया जा चुका है।


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