scriptझालावाड़ मेडिकल कॉलेज में शुरू नहीं हुए एंटी बॉडी टेस्ट | Anti body test did not start in Jhalawar Medical College | Patrika News

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में शुरू नहीं हुए एंटी बॉडी टेस्ट

locationझालावाड़Published: Sep 22, 2020 08:33:56 pm

Submitted by:

harisingh gurjar

-संक्रमित होने के बाद रिकवर की स्थिति का आकलन नहीं हो रहा

 Anti body test did not start in Jhalawar Medical College

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में शुरू नहीं हुए एंटी बॉडी टेस्ट


एक्सक्लूसिव

झालावाड़. अब तक मेडिकल कॉलेज में एंटी बॉडी टेस्ट शुरू नहीं हो पाए है। ऐसे में ये पता नहीं चल पा रहा कि संक्रमित होने के बाद से अब तक मरीज कितना रिकवर हुआ। यानी रिकवर होने के बाद अब क्या वह फिर से संक्रमित तो नहीं होगा। यानी एंटी बॉडी टेस्ट से ये पता चल जाएगा कि उस व्यक्ति में अब वायरस से लडऩे की क्षमता बन चुकी हैए जो फिर से कभी भी कोरोना पॉजिटिव नहीं होगा।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच इसकी जांच के लिए एंटी बॉडी टेस्ट की शुरूआत की गई थी। प्रदेश के कई अस्पतालों और हॉटस्पॉट क्षेत्रों में ये टेस्ट किए गए थे। लेकिन झालावाड़ व झालरापाटन भी अभी हॉटस्पॉट बने हुए है.इसके बाद भी यहां ये टेस्ट शुरू नहीं हुए है।
इस टेस्ट से ये पता चल जाता है कि जब हमारे शरीर में कोई वायरस जाता है तो इम्युन सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है और यह वायरस या इंफेक्शन को रोकने की प्रक्रिया शुरू कर देता है। इस दौरान अलग.अलग सेल्स मिलकर वायरस को बेअसर करने में लग जाती है। इन्हें एंटी बॉडी कहा जाता है। नूमने के तौर पर जयपुरए उदयपुरए जोधपुर आदि मेडिकल कॉलेजों में ये शुरूआत की गई है। यहां यहां 100-100 चिकित्साकर्मियों के एंटी बॉडी टेस्ट किए गए थेए लेकिन अभी झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में ये शुरूआत नहीं होने से कोरोना पॉजिटिव के बढ़ते केस के चलते चिंता का विषय बना हुआ है। ये टेस्ट शुरू हो तो जिले में कोरोना संक्रमण से एंटी बॉडी बनाने में लगने वाले समय आदि की जानकारी मिलने में सहायता होगी।
यह भी एक वजह-
सूत्रों ने बताया कि मेडिकल कॉलेज को अभी किट उपलब्ध नहीं होने से अभी इस दिशा में काम नहीं किया जा रहा है। हालांकि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने इसकी शुरूआत की बात कही थीए लेकिन अभी इसकी जांच शुरू नहीं होने से योजना अंजाम तक नहीं पहुंच सकी है। ऐसे में आम आदमी के लिए टेस्ट शुरूकिया जा सके तो वायरस से लडऩे के लिए तैयारी का पता चलेगा। हालांकि जिन लोगों में पहले ये टेस्ट किए गए हैए उनमें 60 फीसदी में एंटी बॉडी बनने की जानकारी मिली थी। ऐसे में यहां भी ऐसी शुरूआत की जाएं तो मरीजों की एंटी बॉडी बनाने के स्तर का पता चल सके।
एंटी बॉडी बनने में लगता है समय-
वायरस के प्रति हमारे शरीर में एंटीबॉडी बनने में समय लगता है। इसलिए कई बार संक्रमत के शुरूआती दिनों में एंटीबॉडी टेस्ट से किसी में वायरस होने की पुष्टि नहीं हो पाती है। टेस्ट यह नहीं बताया कि एंटी बॉडी कितने समय तक शरीर में रहेगी और रोगी को वायरस से बचा पाएगी। शहर में ऐसे भी कई केस सामने आए है जिनकी कोरोना जांच तो नेगेटिव आईए इसके बाद भी उन्हें बुखार व सांस में लेने में तकलीफ की वजह से फेफड़ों में संक्रमण आया हैए गले में दर्द आदि की शिकायत बनी हुई है।
ये है एंटी बॉडी टेस्ट-
कोविड.19 के एंटी बॉडी टेस्ट के लिए डॉक्टर खून के जरिए जांच करते हैं। पहले खून का सीरम और प्लाज्मा अलग किया जाता है। उसके बाद प्लाज्मा को वायरस एंटीजंस के संपर्क में लाया जाता है ताकि देखा जा सके कि इसमें वायरस के प्रति लडऩे की क्षमता बनी है या नहीं। व्यक्ति संक्रमित होता है तो शरीर में एंटीबॉडी होती है और ये टेस्ट के दौरान कोरोना वायरस से चिपक जाएंगी।
निर्देश मिलेंगे तो करेंंगे जांच-
झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में अभी एंटी बॉडी टेस्ट चालू नहीं हुए है। सरकार से किट उपलब्ध होने व निर्देश मिलेंगे तो चालू कर जांच करेंगे। ये सरकार की पॉलिसी के ऊपर है।
डॉ.दीपक गुप्ताए डीन मेडिकल कॉलेज, झालावाड़।
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