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wetlands conservation : झालावाड़ का बड़बेला तालाब वेटलैंड घोषित

राजस्थान में सबसे ज्यादा 12 वेटलैंड बारां को मिले, कोटा व बूंदी को दो-दो

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Badbela pond of Jhalawar declared as wetland

झालावाड़ का बड़बेला तालाब जिसे वेटलैंड घो​षित किया गया है।

झालावाड़. राज्य सरकार बेहतर मानवीय जीवन के साथ बेहतर वन्य जीवन के प्रबंधन के लिए वन एवं पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। हाल ही में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल ने वेटलैंड्स के संरक्षण एवं एकीकृत प्रबंधन के तहत राज्य के 19 ज़िलों में कुल 44 अधिसूचित वेटलैंड्स की अन्तिम सूची जारी कर दी है। इसमें बारां जिले को सर्वाधिक 12 वेटलैंड मिले हैं जबकि झालावाड़ जिले को बड़बेला तालाब के रूप में एक मात्र वेटलैंड मिला है। इसमें वन विभाग ने प्रस्ताव भी इसी तालाब के भेजे थे जबकि जिले में कई स्थान ऐसे हैं जो वेटलैंड बनने की सभी औपचारिकताएं पूरी करते हैं। जिले से अगर ज्यादा प्रस्ताव जाते तो एक से ज्यादा वेटलैंड मिल सकते थे।

इसलिए जरूरी ये वेटलैंड्स राज्य में पारिस्थिकीय तंत्र को मजबूत करेंगे। इनसे वन्यजीवों के लिए बेहतर खाद्य श्रंखला उपलब्ध हो सकेगी। पृथ्वी की किडनी के रूप पहचाने जाने वाले वेटलैंड्स प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने के साथ पर्यावरण संरक्षण एवं जल संचयन व शुद्धिकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।

ये गतिविधियां रहेगी प्रतिबंधित

अधिसूचना के अनुसार आर्द्रभूमि क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्र में किसी भी प्रकार के अतिक्रमण पर रोक रहेगी तथा किसी भी प्रकार का नया उद्योग स्थापित करने एवं मौजूदा उद्योगों के विस्तार पर प्रतिबंध रहेगा। इसी के साथ, ठोस, खतरनाक व ई-अपशिष्ट पदार्थों के संग्रहण एवं निष्कासन पर प्रतिबंध रहेगा। मछलियों एवं प्रवासी पक्षियों को आमजन की ओर से दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों पर प्रतिबंध रहेगा। वाणिज्यिक खनन, पत्थर उत्खनन के साथ क्रशिंग इकाइयों पर भी प्रतिबंध रहेगा। शिकार पर भी प्रभावी रोक रहेगी। आर्द्रभूमि के क्षेत्र एवं क्षमता को कम करने वाली गतिविधियों सहित प्रदूषण उत्सर्जन करने वाली समस्त वाणिज्यिक गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी। किसी भी प्रकार की भूजल निकासी प्रतिबंधित होगी। विशेष अनुमति से यह गतिविधियां अधिसूचना के अनुसार वेटलैंड्स क्षेत्र में मछली पालन, नावों का संचालन, डिसिल्टिंग, अस्थायी निर्माण, विशेष उद्देश्य के लिए पानी की निकासी की जा सकेगी। इसलिए विशेष अनुमति लेनी होगी।

झालावाड़ जिले के बड़बेला तालाब को वेटलैंड घोषित किया है। इस तालाब में कई तरह के पक्षी हैं। वेटलैंड्स का पर्यावरण संरक्षण में अहम् योगदान होता है।

वी. चेतन प्रकाश, उप वन संरक्षक, झालावाड़