
मकर संक्रांति पास है ऐसे में झालावाड़ के जिला कलक्टर आलोक रंजन ने आदेश जारी कर मकर संक्रान्ति के पर्व पर चायनीज मांझे के उपयोग और बेचने पर प्रतिबंध लगाया है। कलक्टर ने लोकहित में अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह आदेश जारी किया है।
जानकारी के अनुसार धातुओं के मिश्रण से निर्मित मांझा (चायनीज मांझा) के चपेट में आने से दुपहिया वाहन चालकों व पक्षियों को नुकसान होने की संभावना रहती है। साथ ही पक्षियों को नुकसान से बचाने के लिए सुबह 6 से 8 बजे तथा शाम 5 से 7 बजे तक पतंगबाजी पर भी प्रतिबंध रहेगा। यह आदेश 31 जनवरी तक प्रभावी रहेगा।
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कहां से आता है चाइनीज मांझा?
जानकारों के अनुसार चाइनीज मांझा का नाम भ्रामक है क्योंकि यह चीन से आयात नहीं किया जाता है, बल्कि इसे घरेलू स्तर पर उत्पादित किया जाता है। चीनी मांझा उत्तर प्रदेश के बरेली और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में बनाया जाता है, जहां से इसे ज्यादातर ऑनलाइन बेचा जाता है। चाइनीज मांझे की लोकप्रियता का मुख्य कारण इसकी कीमत है। यह सूती मांझे की तुलना में से एक तिहाई कीमत में मिल जाता है और पंतग काटने के लिहाज से कई गुना अधिक मजबूत है। बरेली के मांझे देश में सबसे बढ़िया माने जाते हैं। उच्च गुणवत्ता वाले सूती धागे को तेज बनाने के लिए गोंद चावल के आटे और अन्य सामग्रियों में लेपित किया जाता है।
Published on:
05 Jan 2024 12:44 pm
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