
Central govt. issue Unique ID to Physical Handicapped
जिले के दिव्यांगों को अब केन्द्र सरकार की डिजिटल योजना के यूनिक आईडी के तहत सरकार विशेष पहचान देगी। इसमें दिव्यांगों को सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए दस्तावेजों व प्रमाण-पत्रों का पुलंदा लेकर नहीं घूमना पड़ेगा। दिव्यांगो के इस यूनिक आईडी की मान्यता न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में होगी। सरकार की किसी भी योजना का लाभ उठाने के लिए दिव्यांगों को इसी आईडी के तहत लाभ दिया जाएगा।
योजना के तहत जिन लोगों के पहले से पंजीयन हो रहे हैं। उन्हें भी अब यूनिक आईडी के लिए दूबारा पंजीयन करवाना होगा ताकि उन्हें सरकार द्वारा जारी यूनिक डिसएबिलिटी आईडी कार्ड दिया जा सके। जिलेभर में बच्चों, युवाओं, महिलाओं व वृद्धों सहित कुल 11 हजार 281 विकलांग है। जिनका पंजीयन होना है।
कार्ड से मिलेगी पेंशन
समाज कल्याण के माध्यम से योजनाओं का लाभ उठाने वाले दिव्यांगों के पास यूनिक आईडी कार्ड होना जरुरी है। इसके बिना किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।
अटल सेवा केन्द्र या ई-मित्र पर पंजीयन
दिव्यांग आईडी के लिए पंजीयन ग्राम पंचायत के अटल सेवा केन्द्र या ई-मित्र या अपने मोबाइल से भी कर सकते हैं। पंजीयन के लिए आधार कार्ड नंबर, पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ), मूल निवास प्रमाण-पत्र, परिवार की वार्षिक आय का प्रमाण-पत्र, नि:शक्तता प्रमाण-पत्र (यदि पहले से बना हो) साथ लेकर आएं। वहीं स्व: पंजीयन के लिए पहले एसएसओआई बनवाएं उसके बाद समाज कल्याण के पोर्टल पर पंजीयन करना होगा। दिव्यांगों को पंजीयन व चिन्हीकरण का काम जून से लेकर 24 सितम्बर तक पूरा करना होगा।
झालावाड़ सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, गौरीशंकर मीणा का कहना है कि दो चरणों में पंजीयन होगा। आंगनबाड़ी व स्कूल में पढऩे वाले छात्रों के पंजीयन कराने की जिम्मेदारी उनकी होगी। जो समाज कल्याण से पेंशन ले रहे हैं, उनके पंजीयन की जिम्मेदारी समाज कल्याण की होगी। जिले के सभी दिव्यांगों को यूनिक आईडी के लिए पंजीयन करवाना होगा। इसके बिना किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।
Published on:
20 Jun 2017 05:12 pm
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