बांध में 17 ब्लॉक, 3 ब्लॉक में मिला क्रेक जीएसआई की टीम ने मार्च 2019 में बांध का सर्वे किया। बांध में 17 ब्लॉक में से 3 ब्लॉक में डिफॉल्ट जोन बताए गए। इन ब्लॉक में 15 से 50 सेंट्रीमीटर तक के क्रेक बताए जा रहे है।
भविष्य में टूट सकता है बांध
जीएसआई ने जल संसाधन विभाग को क्रेक का ट्रीटमेंट करने की सलाह दी। इंजीनियरों ने आईआईटी रूडकी से क्रेक के ट्रीटमेंट के लिए सलाह मांगी। सलाह आती उससे पहले इंजीनियरों ने डिफॉल्ट जोन के तीन ब्लॉक में कंक्रीटिंग कर दी। विभाग के इंजीनियर कह रहे है कि इस स्थिति में निर्माण कार्य शुरू होने पर बांध टूटने का खतरा हो सकता है।
जीएसआई ने जल संसाधन विभाग को क्रेक का ट्रीटमेंट करने की सलाह दी। इंजीनियरों ने आईआईटी रूडकी से क्रेक के ट्रीटमेंट के लिए सलाह मांगी। सलाह आती उससे पहले इंजीनियरों ने डिफॉल्ट जोन के तीन ब्लॉक में कंक्रीटिंग कर दी। विभाग के इंजीनियर कह रहे है कि इस स्थिति में निर्माण कार्य शुरू होने पर बांध टूटने का खतरा हो सकता है।
क्रेक का ट्रीटमेंट नहीं, 300 करोड़ से ज्यादा खर्च क्रेक के ट्रीटमेंट को लेकर आईआईटी रूडकी की रिपोर्ट नहीं मिली है। लेकिन बांध निर्माण में 300 करोड़ रुपए तक खर्च किए जा चुके है। जानकारों के अनुसार आईआईटी रूडकी दो माह बाद अपनी रिपोर्ट देगी।
900 करोड़ के पाइपों की खरीद
बांध बनने पर दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। निर्माण कार्य दो साल से बंद है, लेकिन नहरों के लिए पाइप की खरीद जोरों पर है। दो टेंडर में करीब 900 करोड़ के पाइपों की खरीद की जा रही है।
बांध बनने पर दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। निर्माण कार्य दो साल से बंद है, लेकिन नहरों के लिए पाइप की खरीद जोरों पर है। दो टेंडर में करीब 900 करोड़ के पाइपों की खरीद की जा रही है।
फैक्ट फाइल – परवन प्रोजेक्ट : 7600 करोड
– सिंचाई : 313 गांवों का 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र – पेयजल: बांरा और झालावाड़ के 820 गांव
– 1 लाख 31 हजार हेक्टेयर में नहरों के लिए 2200 करोड
– सिंचाई : 313 गांवों का 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र – पेयजल: बांरा और झालावाड़ के 820 गांव
– 1 लाख 31 हजार हेक्टेयर में नहरों के लिए 2200 करोड
– 70 हजार हेक्टेयर में नहरों के लिए 650 करोड़
– 300 करोड़ रुपए लगभग बांध निर्माण पर खर्च – 2022 में पूरा होगा बांध का निर्माण
इनका कहना है… हां यह सही है कि बांध में डिफॉल्ट जोन आए है और 15 से 50 सेमी के क्रेक है, लेकिन कोई चिंता की बात नहीं है। क्योंकि इस तरह के क्रेक सामने आते है और इनका ट्रीटमेंट किया जाता है। क्रेक ट्रीटमेंट के लिए आईआईटी रूडकी से सलाह मांगी है।
राजीव चौधरी
– 300 करोड़ रुपए लगभग बांध निर्माण पर खर्च – 2022 में पूरा होगा बांध का निर्माण
इनका कहना है… हां यह सही है कि बांध में डिफॉल्ट जोन आए है और 15 से 50 सेमी के क्रेक है, लेकिन कोई चिंता की बात नहीं है। क्योंकि इस तरह के क्रेक सामने आते है और इनका ट्रीटमेंट किया जाता है। क्रेक ट्रीटमेंट के लिए आईआईटी रूडकी से सलाह मांगी है।
राजीव चौधरी
मुख्य अभियंता, कोटा जोन जल संसाधन विभाग