
जयपुर की फर्म को करा दिया भुगतान
मेघा जैन
सुनेल. एक और जहां पूरा देश इस समय कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा है। लॉकडाउन के चलते सब कुछ बंद है। ऐसे में आर्थिक व्यवस्था भी लडखड़़ाई गई है। सरकार के साथ ही सामाजिक संगठन भी हरसंभव सहयोग को आगे आ रहे हैं। वहीं सरकारी नुमाइंदे इस महामारी के संक्रमणकाल में भी सरकार को चूना लगाने से नहीं चूक रहे हैं। तभी तो जिला प्रशासन से समन्वय नहीं करते हुए जयपुर की एक फर्म से दोगुनी कीमत में कम गुणवत्ता वाला सोडियम हाइपोक्लोराइट खरीद कर छिड़काव भी करा दिया।
मामला सामने आने पर संबंधित अब बगले झांक रहे हैं। जानकारी के अनुसार पंचायत समिति सुनेल के विकास अधिकारी ने हजारों लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट 37 रुपए 38 पैसे प्रति लीटर के हिसाब से खरीद कर 44 ग्राम पंचायतों के 218 गांवों की गलियों में छिड़काव कराकर संबंधित फर्म को भुगतान भी करा दिया। जबकि जिला प्रशासन को सोडियम हाइपोक्लोराइट डीसीएम कोटा से जीएसटी सहित 18 रुपए प्रति लीटर में मिल रहा है। इधर, विकास अधिकारी ब्रजेश पारासर का कहना है कि जिला प्रशासन ने गांवों में सोडियम हाइपोक्लोराइट छिड़काव कराने के निर्देश थे। इसी के चलते 35 रुपए प्रति लीटर से जयपुर की निजी फर्म से खरीदना पड़ा।
44 पंचायतों में भिजवाया
पंचायत समिति विकास अधिकारी ने अधिकतम ग्राम पंचायतों में 6 0 लीटर और कुछ ग्राम पंचायतों में 100 लीटर तक सोडियम हाइपोक्लोराइट खरीद जयपुर की एक फर्म से कर सभी 44 ग्राम पंचायतों में भेजा।
ग्राम पंचायतों के नाम ही कटाए बिल
पंचायत समिति ने एक साथ ब्लॉक में सभी ग्राम पंचायतों के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट की खरीद कर ली। इनके बिल सीधे ग्राम पंचायतों के नाम कटवाए ताकि ये बचे रहे। साथ ही बिना किसी गाइड लाइन तथा सक्षम अधिकारी के निर्देश के गलियों में छिड़काव करा दिया।
ये है नियम
सोडियम हाइपोक्लोराइट उपयोग के ये हैं दिशा-निर्देश सीएचसी चिकित्साधिकारी डॉक्टर बालमुकुंद वर्मा ने बताया कि एक लीटर 10 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट में 199 लीटर सामान्य पानी तथा पांच प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट में 99 लीटर पानी मिलाकर घोल तैयार कर चार घंटे के भीतर उपयोग में लें। यह घोल खुले में तैयार करें। गर्म पानी या डिटजेंट नहीं मिलाएं। घोल तैयार करते उपयोग में लेने के वक्त मास्क, दस्ताने का उपयोग करें व चश्मा पहनें।
मिश्रित घोल का स्प्रे हाथ वाली ढोलकी से करें। इस घोल से मेज, कुर्सी फर्नीचर, बाइक कार हैंडल, गेट, खिड़कियां एवं इनके हैंडल, अलमारी, फ्रिज के हैंडल, कंप्यूटर की बोर्ड, रैलिंगए प्रिंटर, टेलीफोन, मोबाइल, चार्जर आदि सूती कपड़े से साफ करें। मिश्रित घोल का स्प्रे नालियों में नहीं करें।
सभी 44 ग्राम पंचायतों ने सोडियम हाइपोक्लोराइट का क्रय किया है और जैसी महामारी फैली थी। आगे से आर्देश मिला थे कि प्रत्येक ग्राम पंचायत के खाते में 50 हजार रुपए डाल दिए गए हैं और हाइपोक्लोराइट खरीदा जाए। हमें मालूम हुआ कि डीसीएम से हाइपोक्लोराइट आ रही है उनसे फोन पर बात की तो उन्होंने बोला कि कलक्टर कोटा लिखकर देंगे, तो हम हाइपोक्लोराइट देंगे। हर ग्राम पंचायत ने 35 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से जयपुर की निजी फर्म से खरीदा है।
ब्रजेश पारासर, विकास अधिकारी , पंचायत समिति, सुनेल
खुल गई शराब की दुकानें
झालावाड. बस स्टैंड पर शराब की दुकान खुलने के बाद शराब खरीदता एक व्यक्ति। शहर में सोशल डिस्टेंसिंग में लोगों ने शराब खरीदी भीड़ और हंगामें जैसी स्थिति कहीं पर नजर आई।
झालरापाटन. राज्य सरकार के सोमवार से शराब की बिक्री खुली कर देने से शराब ठेके खुल गए। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के कारण कई दिनों बाद शराब के ठेके खुलने से सुबह से ही इन दुकानों पर ग्राहक नजर आने लगे। शराब ठेकेदार मुकेश जायसवाल ने बताया कि राज्य सरकार से शराब की दुकान खोलने की इजाजत मिलने पर ठेके शुरू किए हैं, जिसके तहत दुकानों पर ग्राहकों के बीच सोशल डिस्टेंस की पालना के साथ ही दुकान पर बैठने वाला सेल्समैन ग्राहक के हाथ सैनेटाइजर से धुला रहा है। स्वयं भी मास्क व गल्ब्ज पहनकर काम कर रहे हैं। ऐतिहात को पूरा ध्यान रखा जा रहा है। साथ ही ग्राहक को सरकार की गाइडलाइन समझाते हुए शराब का उपयोग घर पर ले जाकर ही करने के लिए पाबंद किया जा रहा है। इस दौरान दुकान पर आबकारी विभाग का कर्मचारी भी मौजूद है।
Published on:
05 May 2020 03:40 pm
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