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स्कूल में 5वीं कक्षा में बनेगा मूल निवास प्रमाण-पत्र, ई-मित्रों के चक्कर से मिलेगी मुक्ति

    - जिलेभर में 1700 से अधिक स्कूलों के बच्चों को मिलेगा फायदा

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Domicile certificate will be made in the 5th class in the school, you

स्कूल में 5वीं कक्षा में बनेगा मूल निवास प्रमाण-पत्र, ई-मित्रों के चक्कर से मिलेगी मुक्ति

झालावाड़.शिक्षा विभाग में विद्यार्थियों व अभिभावकों की परेशानी को समझते हुए अच्छा कदम उठाया है। अब विद्यार्थियों के मूल निवास प्रमाण पत्र का सारा प्रोसेस स्कूलों में ही होगा। अब पांचवीं और आठवीं के विद्यार्थियों के मूल निवास बनाने के आवेदन ई मित्र केंद्रों से नहीं उनकी स्कूल से भरे जाएंगे। मूल निवास प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी द्वारा जारी होने के बाद स्कूल से ही वितरित किए जाएंगे। गृह विभाग ने इसकी एडवाइजरी जारी करते हुए आवेदन की प्रक्रिया तथा दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। गृह विभाग के दिशा निर्देशों के अनुसार राज्य की सभी सरकारी तथा गैर सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा 5 से 8 वीं तक के विद्यार्थियों के मूल निवास प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए निर्धारित आवेदन स्कूल के संस्थाप्रधान वर्ष में एक बार सितंबर-अक्टूबर में भराएंगे।

तय होगी जिम्मेदारी-
गृह विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में आवेदन में चाही गई सत्य जानकारी भरने की जिम्मेदारी संस्थाप्रधान की होगी ताकि भविष्य में विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति आदि के लिए परेशानी नहीं हो। संस्थाप्रधान सभी दस्तावेजों को सरकार द्वारा अधिकृत उप खंड अधिकारी के परिक्षेत्र में स्थापित ई मित्र,सीएससी केंद्र के माध्यम से सक्षम अधिकारी को अग्रिम कार्यवाही के लिए भिजवाने की व्यवस्था करेंगे।

विद्यार्थियों के चक्कर होंगे कम-
अभी किसी भी विद्यार्थी को मूल-निवास व जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए पहले पटवारी, सरपंच व दो राजपत्रित अधिकारियों के हस्ताक्षर करवाने होते हैं। सभी के हस्ताक्षर होने के बाद विद्यार्थी द्वारा ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन को अपलोड करवाना होता है। उसके बाद संबंधित तहसीलदार के पास आवेदन जाता है। वहां से सत्यापित होने के बाद संबंधित उपखंड अधिकारी के पास जाता है। वहां से सारा प्रोसेस होने के बाद उपखंड अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर होने के बाद फिर से प्रमाण-पत्र ई-मित्र पर आता है। ऐसे में विद्यार्थी को कई बार अधिकारियों व सरकारी कर्मचारियों के पास जाना पड़ता है, ऐसे में कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। तथा बनाने पर खर्चा भी बहुत ज्यादा होता है। लेकिन अब स्कूलों में प्रोसेस होने से अभिभावकों की मेहनत कम लगेगी साथ ही खर्चा भी आधा हो जाएगा।

ये होगा फायदा-
सक्षम अधिकारी नियमानुसार जांच करने के बाद अगले 30 से 60 दिनों में प्रमाण पत्र जारी करेंगे। अगर आवेदन किसी कारण से निरस्त किया जाता है तो इसकी कारण सहित सूचना संस्था प्रधान को दी जाएगी। वहीं विद्यार्थी के नियमित रुप से स्कूल आने से प्रमाण पत्र में आने वाली कमी समय से पूरी हो सकेगी। इससे प्रमाण पत्र बनाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। मूल निवास प्रमाण पत्र जारी होने के बाद उसकी एक कॉपी स्कूल में विद्यार्थियों को लाभ, रियायत, सुविधाएं दिलाने के लिए रखेंगे।

दिया विकल्प-
गृह विभाग ग्रुप 9 के संयुक्त शासन सचिव द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार मूल निवास प्रमाणपत्र यथा संभव कक्षा 5 में अध्ययनरत विद्यार्थी को जारी किया जाएगा। अपरिहार्य कारणों से किसी विद्यार्थी का कक्षा 5 में मूल निवास प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पाता है तो ऐसे विद्यार्थियों का मूल निवास प्रमाण पत्र कक्षा 8 में भी जारी किया जा सकता है। हालांकि शिक्षा निदेशालय ने गृह विभाग के इन आदेशों की पालना के लिए संस्था प्रधानों को पाबंद नहीं किया है, लेकिन इससे संस्थाप्रधानों का काम भी आसान होगा। शिक्षक संगठनों का कहना है कि सरकार मूल निवासी प्रमाण पत्रों की जिम्मेदारी भी शिक्षकों पर थोपने की कोशिश की जा रही है। इसकी जगह हर स्कूल में पीईईओ स्तर पर एक व्यक्ति की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि वो मिड-डे-मील व मूल निवास प्रमण पत्र सहित अन्य सूचनाएं व अन्य काम समय पर कर सकेगा। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित नहीं होगी।

लाखों बच्चों को मिलेगा फायदा-
जिले में सरकारी व निजी करीब 2270 से अधिक स्कूल है। ऐसे में 5 वीं में लाखों बच्चों को इसका फायदा मिलेगा। मूल निवास प्रमाण-पत्र की जरुरत हर बच्चों को होती है। दूर-दराज से आने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों को तहसील व उपखंड मुख्यालय पर आकर ईमित्र के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इससे अब निजात मिल सकेगी।

पालना करवाएंगे-
राज्य सरकार के आदेश की पालना की जाएगी। जैसे ही आदेश आएगा, सभी संस्था प्रधानों को इसकी पालना करने के लिए निर्देशित करेंगे। इससे उन्हे भी सरकार की योजना में मूल निवास प्रमाण पत्र की जरुरत होने पर तुरंत मिल सकेगा।
हरिशंकर शर्मा, एडीईओ, माध्यमिक,झालावाड़।