अकलेरा. नगर के आसपास के क्षेत्र में इन दिनों अवैध खनन धड़ल्ले से हो रहा है। वहीं प्रशासन व जिम्मेदार विभाग इसे देखकर भी अनदेखा कर रहा है। खनन माफियाओं ने डूंगरी और पहाड़ों को खोदकर जमीन में सुरंगें बना दी हैं। इससे मिट्टी ढहने की आशंका बढ़ी है।
जानकारी के अनुसार थाने से महज 2 किमी की परिधि स्थित आईटीआई कॉलेज के नजदीक गुजरी की बरड़ी को इस कदर खोद दिया कि जमीन से भी नीचे सुरंग बनने लगी है। यहां दिन-रात लोग पहाड़ को खोदकर मीट्टी, कंक्रीट व बजरी निकाल रहे हैं। कुछ खनन माफिया स्टॉक कर रहे हैं। तो कुछ मोटी रकम लेकर ट्रॉली के हिसाब से बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। इलाके में जिस डूंगर में खनन किया है। वह एक किमी दूर से भी देखा जा सकता है। यहीं से होकर आए दिन पुलिस का आना-जाना होता है। क्षेत्र वासियों का कहना है कि कुछ दिनों से रात के अंधेरे में करीब 3 बजे इस डूंगर को 3-4 जेसीबी द्वारा खोद कर दर्जनों ट्रैक्टरों द्वारा भारी मात्रा में सामग्री निकाली जा रही है।
नेशनल हाइवे 52 पर बरेड़ी गांव की पहाड़ियों पर भी माफियाओं द्वारा भारी मात्रा में खनन किया जा रहा है। प्रकृति प्रेमियों का कहना है कि क्षेत्र के डूंगर व पहाड़ियों को माफिया खोखला करने में लगे हैं। निर्माण में इसका उपयोग किया जा रहा है।
इन क्षेत्रों पर नजर
पोली खनन के आसपास, गादिया, अरनिया, देवली, घाटोली, आसलपुर, भालता व मांगटा, दतीला, मोरली, देव डूंगरी सहित क्षेत्र में खनन जारी है।
प्राकृतिक सौंदर्य को झटका
अकलेरा क्षेत्र में चारों ओर कई डुंगरियां व पहाड़ हैं। यहां बड़ी संख्या में हरियाली है। अवैध खननकर्ताओं ने सैकड़ों बीघा भूमि के पेड़-पौधों को भी नष्ट कर दिया। बरसात के समय यहां की हरियाली इन डूंगरियों को खूबसूरत बना देती है। खननकर्ताओं ने यहां जेसीबी व ट्रैक्टरों के आने-जाने के रास्ते बनाकर हरियाली नष्ट कर दी।
सोमवार को ही ज्वाॅइन किया है। मेरे पास इस तरह की कोई सूचना नहीं है। वन विभाग ने गुजरी व देवनारायण क्षेत्र में होमगार्ड के 3-3 जवान लगा रखे हैं। इन क्षेत्रों में रात्रि में खनन की सूचना है। इसे रोका जाएगा।
अशोक खोजा, क्षेत्रीय वन अधिकारी, अकलेरा रेंज