24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पशु उपचार व्यवस्था में अच्छे अंक दिलाएंगे सम्मान, पशुपालन विभाग ने शुरू की रैंकिंग व ग्रेडिंग व्यवस्था

श्रेष्ठ स्थान पर रहने वाले चिकित्सालयों को अप्रेल माह में विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर सम्मानित किया जाएगा।

2 min read
Google source verification

ȤæðÅUæð ·ð¤ŒàæÙÑ-1 âéÙðÜ Âàæé ©U¿æÚU ÃØßSÍæ ×ð´ ¥‘ÀðU ¥´·¤ çÎÜæ°´»ð â×æÙÐ

बहुउद्देश्यीय पशु चिकित्सालयों, प्रथम श्रेणी, पशु चिकित्सालयों और पशु चिकित्सा उप केन्द्रों की रेंज और जिलेवार मासिक रैंकिंग व ग्रेडिंग तय कर रहा है। इसमें श्रेष्ठ स्थान पर रहने वाले चिकित्सालयों को अप्रेल माह में विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। जो चिकित्सालय निचले पायदान पर आएंगे उनमें सुधार के उपाय अमल में लाए जाएंगे। वहीं लगातार पिछडऩे पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

पशु चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने, पशु चिकित्सालयों में अपेक्षित सुधार लाने और पशुपालकों को सुविधाएं त्वरित गति से पहुंचाने के लिए पशुपालन विभाग ने नवाचार शुरू किया है। इसके तहत विभाग अपने बहुउद्देश्यीय पशु चिकित्सालयों, प्रथम श्रेणी, पशु चिकित्सालयों और पशु चिकित्सा उप केन्द्रों की रेंज और जिलेवार मासिक रैंकिंग व ग्रेडिंग तय कर रहा है। इसमें श्रेष्ठ स्थान पर रहने वाले चिकित्सालयों को अप्रेल माह में विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। जो चिकित्सालय निचले पायदान पर आएंगे उनमें सुधार के उपाय अमल में लाए जाएंगे। वहीं लगातार पिछडऩे पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। शासन सचिव समित शर्मा की पहल पर पूरे प्रदेश के पशु चिकित्सालयों के लिए रैंकिंग और ग्रेडिंग सिस्टम लागू किया गया है।

यह रहेगा रैंकिंग और ग्रेडिंग का आधार

संभाग, जिला और पशु चिकित्सा संस्थानों की रैंकिंग व ग्रेडिंग के लिए विभिन्न संकेतक और अंक निर्धारित किए गए हैं। इसमें मुख्यत: आधारभूत संरचना, पशु चिकित्सा व नस्ल सुधार सुविधा, कृत्रिम गर्भाधान सुविधा, स्वच्छता प्रबंधन, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता व कार्यशीलता को देख जाएगा। इसमें 90 प्रतिशत से अधिक अंक वालों को ए-प्लस श्रेणी, 80 से 90 प्रतिशत अंक वालों को ए श्रेणी, 70 से 80 प्रतिशत वालों को बी श्रेणी, 60 से 70 प्रतिशत वालों को सी श्रेणी और 60 प्रतिशत से कम अंक वालों को डी श्रेणी में रखा जाएगा। यदि हर माह में कोई पशु चिकित्सालय डी श्रेणी में स्थान बनाए रखता है तो संबंधित प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पशु चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाना प्रमुख उद्देश्य

सरकार की ओर से पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही है। बीमार पशुओं की उपचार की व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए कई तरह के सुविधाएं शुरू की गई है। सरकार का मानना है कि अभी ग्रामीण क्षेत्रों में बीमार पशुओं को समय पर उपचार मिलने में देरी हो जाती है। ऐसे में अब पशु चिकित्सा संस्थानों में उपचार की व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए यह नवाचार किया जा रहा है। इसके तहत पशु चिकित्सा संस्थानों की जिम्मेदारी तय की जाएगी कि वह समय पर बीमार पशुओं को उपचार की सुविधा उपलब्ध कराएं। रैंकिंग और ग्रेडिंग के आधार पर हर माह चिकित्सा संस्थानों के कामकाज का भी आंकलन हो जाएगा। यदि कोई कमी मिलती है तो उसमें सुधार कराया जाएगा।

फैक्ट फाइल

जिले में वर्ष 2019 के अनुसार कुल पशु : 898062

बहुउद्देशीय पशुचिकित्सालय : 1

ब्लॉक वेटेनरी हेल्थ ऑफिस : 8

प्रथम श्रेणी के पशु चिकित्सालय : 14

पशु चिकित्सालय : 29

पशु चिकित्सा उप केंद्र : 121

संबंधित खबरें

मोबाईल यूनिट : 3

पशु चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पशुपालन विभाग ने नवाचार शुरु किया है। इसके तहत रेंज और जिलेवार मासिक रैंकिंग व ग्रेडिंग तय की गई है। श्रेष्ठ स्थान पर रहने वाले चिकित्सालयों को अप्रैल माह में विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर सम्मानित किया जाएगा।

डॉ. चन्द्रप्रकाश सेठी, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग झालावाड़