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सरकार टैक्स से भर रही खजाना, कोरोनाकाल में गोशालाओं को अनुदान नहीं

locationझालावाड़Published: Sep 27, 2020 08:34:34 pm

Submitted by:

harisingh gurjar

 
-कठोर नियमों के चलते झालावाड़ जिले में 26 को ही मिल रहा अनुदान

Government is paying treasury with tax, no grant to cows

सरकार टैक्स से भर रही खजाना, कोरोनाकाल में गोशालाओं को अनुदान नहीं


झालावाड़. गौ संवर्धन व संरक्षण के लिए जमीनों की रजिस्ट्री व शराब पर अधिभार लगाकर सरकार ने अपना खजाना तो भर लियाए लेकिन प्रदेश के गौशालाा संचालकों की वर्षो पुरानी मांग आज भी अधूरी है। सरकारी खजाने में पिछले दो वर्ष में स्टाम्प ड्यूटी व शराब पर लागू वैट के अधिभार से लगभग 1252 करोड़ रूपए आए हैए लेकिन सरकार ने प्रदेश की पंजीकृत 2870 गोशालाओं को महज 645.79 करोड़ अनुदान का ही भुगतान किया। गोशाला संचालकों का कहना है कि सरकार की ओर से कोरोनाकाल में पूरे साल का अनुदान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में उन्हें गौशालाओं में चारे की व्यवस्था करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इतना लगाया जा रहा अधिभार-
सरकार ने स्टाम्प ड््यूटी पर दस प्रतिशत व शराब पर 20 फीसदी वैट अधिभार गोशालाओं के नाम पर लगाया। वर्ष 2018.19 में स्टाम्प ड््यूटी अधिभार 266 करोड़ए वर्ष 2019-20 में 291 करोड़ का राजस्व मिला। इसी तरह शराब पर लागू वैट अधिभार से वर्ष 2018.19 में 536 करोड़ व वर्ष 2019-20 में 716 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है।
गोशालाओं को इतनी दी जाती है सहायता-
सरकार की ओर से गोशालाओं को गोवंश कीसंख्या के आधार पर अनुदान दिया जाता है। वर्तमान में बड़े गोवंश के लिए 40 रुपए प्रतिदिन व छोटे गोवंश के लिए प्रतिदिन 20 रुपए की सहायता राशि दी जाती है। यह सहायता राशि अधिकतम 180 दिनों के लिए दी जाती है। लेकिन जिले के गोशाला संचालक पूरे साल के लिए अनुदान राशि दिए जाने की मांग कर रहे हैं। वैसे तो जिले में चार दर्जन से अधिक गोशालाएंए लेकिन कठोर नियम के चलते अनुदान में संचालकों का रूचि नहीं रहती है।

सर्र्वे के नाम पर होती है खानापूर्ति-
जिले में गौ सेवा के लिए लगातार सामाजिक संस्थानाएं आगे आ रही है। गोशाला संचालन करने वाली समितियों का कहना है कि जिला कलक्टर सहित अन्य एजेन्सियोंं के जरिए कई बार आवेदन किया गयाए लेकिन पंजीयन के नाम पर टरकाया जा रहा है। इधरए गोपालन विभाग की ओर से हर साल भौतिक सत्यापन के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। लोगों का कहना है कि आवेदनों की जमीन की कमी सहित अन्य मापदंड़ पूरे नहीं होने की वजह से आवेदन निरस्त हो जाते है।

फैक्ट फाइल
झालावाड़ जिले में गोशालाएं- 34
प्रदेश में गोशालाएं-2870
स्टांप ड््यूटीएशराब बिक्री राजस्व- 1252 करोड़
प्रदेश में गोवंश- 9.50 लाख से अधिक
अनुदान नहीं मिल रहा-
कोरोना काल में सरकार पूरे के लिए गोशालाओं को अनुदान दें। पशुपालन व गोपालन विभाग द्वारा शर्तें ऐसी लगा रखी है कि गोशाला संचालकों को अनुदान नहीं मिल पाता है। हमें 2015से अनुदान नहीं मिला है। स्वयं की जेब से चारा लाकर डाल रहे हैं। सरकार को चारागाहों की भूमियों को अतिक्रमण मुक्त करवाना चाहिए। हर गांव में गोशाला खोलकर उनकी मनरेगा के माध्यम से देखभाल करें। ताकि कोई समस्या नहीं रहे। सरकार गोशालाओं की कठोर शर्तों का आसान बनाए ताकि गोशाला संचालन अच्छी से हो सके।
रवीन्द्र नाथ सक्सेना,अध्यक्ष श्रीकृष्ण गोशालाए समिति,झालावाड़।
बजट मांगेगे-
पिछले साल का तीन माह का अनुदान दे दिया हैए अभी सर्वे आदि का कार्य अंडर प्रोसेस चल रहा है। सर्वे होने के बाद सूचना जयपुर भेजेंगे उसके बाद बजट मांगेगे, बजट आने के बाद अनुदान देंगे। शर्ते राज्य सरकार द्वारा तय कर रखी है। अनुदान का पैसा सभी को नहीं दे पाते हैंए जो नोम्र्स पूरा करते है उन्हे ही मिल पाता है। जिले में 26 गोशालाएं पात्र है।
डॉ.निक्षित कुमार तोमर, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, झालावाड़।
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