केन्द्र की मंजूरी फिर भी तोल शुरू-
राज्य सरकार के द्वारा बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत लहसुन खरीदी के लिए भेजे गए प्रस्ताव को केंद्र द्वारा मंजूरी मिलने के बावजूद भी सरकारी कांटे शुरू नहीं हो पाए हैं। सरकार की देरी का खामियाजा किसानों को अपनी उपज औने पौने दामों में बेचकर चुकाना पड़ रही है। ऐसे में सरकार किसानों की परेशानी को ध्यान में रखकर तुरंत खरीद शुरू करें।
राज्य सरकार के द्वारा बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत लहसुन खरीदी के लिए भेजे गए प्रस्ताव को केंद्र द्वारा मंजूरी मिलने के बावजूद भी सरकारी कांटे शुरू नहीं हो पाए हैं। सरकार की देरी का खामियाजा किसानों को अपनी उपज औने पौने दामों में बेचकर चुकाना पड़ रही है। ऐसे में सरकार किसानों की परेशानी को ध्यान में रखकर तुरंत खरीद शुरू करें।
2957 रुपए प्रति क्विंटल का भेजा था प्रस्ताव-
राज्य सरकार की ओर से 2957 रुपए प्रति क्विंटल का प्रस्ताव भेजा गया। जिस पर केंद्र ने मंजूरी दी है। जबकि वर्ष 2018 में 3257 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा गया था। किसान मेहश मेहर,ने बताया कि बाजार का सामान्य सिद्धांत है, किसी भी वस्तु का दाम बढ़ता है, घटता नहीं। लेकिन, राज्य सरकार ने चार साल में लहसुन की खरीद की दर घटाकर किसानों के साथ अन्याय किया है। किसानों के लहसुन को 5 हजार रुपए क्विंटल की दर से खरीदी का नया प्रस्ताव भेजा जाए।
राज्य सरकार की ओर से 2957 रुपए प्रति क्विंटल का प्रस्ताव भेजा गया। जिस पर केंद्र ने मंजूरी दी है। जबकि वर्ष 2018 में 3257 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा गया था। किसान मेहश मेहर,ने बताया कि बाजार का सामान्य सिद्धांत है, किसी भी वस्तु का दाम बढ़ता है, घटता नहीं। लेकिन, राज्य सरकार ने चार साल में लहसुन की खरीद की दर घटाकर किसानों के साथ अन्याय किया है। किसानों के लहसुन को 5 हजार रुपए क्विंटल की दर से खरीदी का नया प्रस्ताव भेजा जाए।
संभाग स्तर पर करेंगे आंदोलन-
जिला मंत्री मुकेश मेहर, जिला सह मंत्री रामलाल दांगी,जिला कार्यालय प्रमुख मनोहर लाल दांगी,रायपुर तहसील अध्यक्ष शोभाराम दांगी ने बताया कि प्रतिवर्ष किसानों को ग्राम सहकारी समिति से ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है। जिस पर 370 रुपए दुर्घटना बीमा तथा 1138 रुपए सहकार धन सुरक्षा बीमा लिया जाता रहा है। इस राशि को बढ़ाकर 3800 रुपए कर दिया गया है। जो किसानों के साथ अन्याय है। इस बीमा धन की गुपचुप तरीके से वसूली भी की जा रही है। ऐसे में किसानों से इस बढ़ी हुई राशि की वसूली बंद करनी चाहिए। जिले में किसानों को फसल बीमा राशि का भुगतान नहीं हो पाया है। सरकार के स्तर पर इस राशि के रुकने के कारणों की जांच कराकर किसानों को शीघ्र बीमा राशि जारी की जाए। किसानों ने बताया कि लहसुन खरीद केन्द्र शीघ्र चालू नहीं करती है तो पूरे हाड़ौती के किसान संभाग स्तर पर आंदोलन को मजबूर होंगे, इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। ज्ञापन देने वालो में रघुनाथ सिंह शेखावत, झालरापाटन तहसील अध्यक्ष जगदीश प्रसाद शर्मा, सुनेल तहसील अध्यक्ष श्याम सिंह सोनगरा, पिडावा तहसील अध्यक्ष रामनारायण, डग तहसील अध्यक्ष राधेश्याम विश्वकर्मा, झालरापाटन मंत्री गणेशम दांगी आदि मौजूद रहे।