झालावाड़Published: Oct 08, 2023 05:46:57 pm
jagdish paraliya
डाक बंगले में रुकना पड़ा रात को, कोई सुरक्षा गार्ड भी नहीं था
झालावाड़. प्रदेश में विधान चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई है। ऐसे में पिछले चुनावों के रोचक किस्से-कहानियां भी सुनने को मिलने लगे है। ऐसा ही एक रोचक किस्सा वरिष्ठ कांग्रेस नेता व वकील इकबाल अहमद ने पत्रिका को बताया।
अहमद ने बताया कि बात 1977 की है, जब कांग्रेस की चुनाव में करारी हार हुई। यहां जिला संगठन भी कांग्रेस छोड़ जनता पार्टी में शामिल हो गया। इसके बाद हमें संगठन में काम करने का मौका मिला। कांग्रेस भी इसके बाद कांग्रेस बन गई। वर्ष 1978 में मुझे जिलाध्यक्ष बना दिया। लेकिन उस दौर में लोगों में कांग्रेस से नाराजगी दिख रही थी। इसके बाद 25 नवंबर 1979 को झालावाड़ में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का दौरा हुआ। जनसभा हुई। इस जनसभा में करीब दो लाख लोगों की भीड़ उमड़ी। गांधी की सभा में जो भीड़ आई, वो भीड़ आज तक कोई नेता नहीं जुटा पाया। भले ही यहां कई बड़े नेताओं की सभाएं हो चुकी है।
सभा के बाद इंदिरा गांधी का हेलीकॉप्टर उडऩा था, लेकिन मावठ हो गई और कोहरा छा गया। ऐसे में मौसम खराब होने से इंदिरा गांधी को रात में डाक बंगले में रुकना पड़ा। उस समय कड़ी सुरक्षा के ज्यादा इंतजाम नहीं होते थे। उनके साथ भी कोई सुरक्षा गार्ड नहीं थे। ऐसे में स्थानीय पांच लोग, जिसमें मैं भी शामिल था। उन्होंने डाक बंगले में सुरक्षा का मोर्चा संभाला।
खादी भंडार की साड़ी पहनी थी
इंदिरा गांधी के सुरक्षा गार्ड व उनका पूरा सामान उनके रवाना होने से पहले ही जा चुका था, ऐसे में उनके पास कोई साड़ी भी नहीं थी। ऐसे में खादी भंडार से साड़ी खरीदकर उन्हें लाकर दी। अगले दिन सुबह मौसम साफ हुआ। वे खादी भंडार की साड़ी पहन कर लोगों से मिली और हेलीपेड के लिए रवाना हुई।