बॉडीवोर्न कैमरे की मॉनिटरिंग उप पुलिस अधीक्षक स्तर और उससे उच्चासीन पदाधिकारियों के जिम्मे रहेगी। पुलिस उप अधीक्षक माह में एक बार व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तीन माह में एक बार और पुलिस अधीक्षक को छह माह में एक बार इन रिकॉर्डिंग का रेंडम तौर पर निरीक्षण करना होगा।
कई बार धरना प्रदर्शनए अपराधियों की धरपकड़ए दुर्घटना के बाद यातायात को सुचारू करते समय आमजन के दुव्र्यवहार की घटनाएं सामने आती है। ऐसी घटनाओं पर ्रप्रभावी कार्रवाई के लिए बॉडीवॉन कैमरा उपयोगी सिद्ध होगा।यह कैमरा पुलिसकर्मी अपनी जैकेट में लगाए रखेगा। इस कैमरे के मार्फत पुलिस कर्मी और आमजन के बीच होने वाली बाचचीत वीडियो के साथ रिकॉर्ड होगी। जीपीएस और जीपीआरएस के माध्यम से यह सीधे कंट्रोल रूम से जोड़ा जा सकेगा।
जिले में पुलिस मुख्यालय द्वारा 15 कैमरे भेजे गए है। कैमरे एसपी ऑफिस के स्टोर रूम में रखे हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश यादव ने बताया कि पुलिस मुख्यालय का अच्छा प्रयास है। अपराधियों व बदमाशों की धरपकड़ के दौरान सारी घटना रिर्कोड होगी इससे कभी पुलिस पर हमले आदि की घटना पूरी रिकॉर्ड होने से आरोपियों को पकडऩे में आसानी होगी। कैमरे चलाने के लिए जो भी निर्देश आएंगे उसके अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए जयपुर से कैमरे से संबंधित फर्म के व्यक्ति आएंगे जो कैमरों के संचालन का प्रशिक्षण देंगे।
प्रशिक्षण में सभी 27 थानों से पुलिसकर्मियों को बुलाया जाएगा।
. कानून व्यवस्थाए ड््यूटीए धरनेए प्रदर्शन के दौरान बॉडीवोर्न कैमरे का अधिक से अधिक उपयोग करना होगा।
. सड़क दुर्घटना के बाद व्यवस्था करते समय इनका उपयोग करना होगा।
.दुर्घटना के बाद यातायात संचालन के दौरान आमजन से होने वाली नोकझोंकए गलत व्यवहार आदि आरोपों से स्वयं का बचाव किया जा सके।
.यातायात ड्यूटी में बॉडीवॉर्न कैमरे का उपयोग करना जरूरी होगा।
. अनुसंधानए अपराधियों की धरपकड़ के समय बॉडीर्वान कैमरे का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए।
. कानून व्यवस्था रिकॉर्डिंग के लिए हेमलेट कैमरे का उपयोग जरूरी किया जाए।
प्रशिक्षण के बाद करेंगे आवंटन-
वॉडीवॉन कैमरे आ गए हैए लेकिन इनका आवंटन प्रशिक्षण के बाद किया जाएगा। कैमरों का प्रयोग खासकर नाकाबंदीए चालान काटनेए अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई आदि के समय किया जाएगा।
डॉ.किरण कंग सिद्धू, जिला पुलिस अधीक्षक, झालावाड़।