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प्रदेश में जयपुर के बाद अब झालावाड़ में भी हो सकेगी टीबी की जांच

झालावाड़. प्रदेश में जयपुर के बाद अब झालावाड़ में भी टीबी की जांच हो सकेगी। पहले टीबी की जांच के लिए सेम्पल जयपुर भेजने पड़ते थे। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही मरीज का इलाज शुरू हो पाता था लेकिन अब जांच की सुविधाएं मेडिकल कॉलेज टीम के प्रयासों से झालावाड़ में शुरू हो […]

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  • झालावाड़. प्रदेश में जयपुर के बाद अब झालावाड़ में भी टीबी की जांच हो सकेगी। पहले टीबी की जांच के लिए सेम्पल जयपुर भेजने पड़ते थे। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही मरीज का इलाज शुरू हो पाता था लेकिन अब जांच की सुविधाएं मेडिकल कॉलेज टीम के प्रयासों से झालावाड़ में शुरू हो गई है। करीब एक साल की मेहनत के बाद माइक्रोबॉयलोजी विभाग की टीम को सफलता मिली है और विभाग में सीबी नाट ओर ड्रग सेंसेटिव मशीन स्थापित की गई है।

झालावाड़. प्रदेश में जयपुर के बाद अब झालावाड़ में भी टीबी की जांच हो सकेगी। पहले टीबी की जांच के लिए सेम्पल जयपुर भेजने पड़ते थे। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही मरीज का इलाज शुरू हो पाता था लेकिन अब जांच की सुविधाएं मेडिकल कॉलेज टीम के प्रयासों से झालावाड़ में शुरू हो गई है। करीब एक साल की मेहनत के बाद माइक्रोबॉयलोजी विभाग की टीम को सफलता मिली है और विभाग में सीबी नाट ओर ड्रग सेंसेटिव मशीन स्थापित की गई है।

  • इस प्रकार की विशेष जांच करने वाला झालावाड़ का मेडिकल कॉलेज प्रदेश का दूसरा कॉलेज बन गया है,जबकि पहले केवल जयपुर मेडिकल कॉलेज में ही जांचे हो रही थीं। गत करीब डेढ़ माह में अस्पताल में टीबी विभाग में संग्रहित 138 नमूनों की जांच की गई। माइक्रोबॉयलोजी विभाग की प्रमुख डॉ. रूबी नाज ने बताया कि अभी झालावाड़एसआरजी अस्पताल के टीबी रोग विभाग से आए सैम्पल की जांच की जा रही है, फिलहाल बाहर से सैम्पल आने शुरू नहीं हुए हैं, गत सितंबर माह में यहां 62 नमूनों की जांच की गई थीं, इनमें से 16 रोगी टीबी संक्रमित पाए, जबकि 2 रोगी औषधि प्रतिरोधक श्रेणी के पाए गए, मतलब उनको जो पहलीबार की दवा खुराक दी जा रही है, वह उनके शरीर मे कोई काम नहीं कर रही है, इसी तरह अगस्त में 76 रोगियों की जांच की गई, इसमें 16 रोगी पॉजिटिव और एक रोगी औषधि प्रतिरोधकता की श्रेणी में पाया गया,यानी 7 प्रकार की दवाइयों की जांच टेस्ट में की जा रही है।