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1 करोड़ 40 लाख में बनेगा काठ का रेन बसेरा

- बैठकर तालाब के मनोरम दृश्य निहार सकेंगे पर्यटक

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Kath Ka Rain Basera will be built for 1 crore 40 lakhs

1 करोड़ 40 लाख में बनेगा काठ का रेन बसेरा

झालावाड़. रेन बसेरे के निर्माण में आ रही सारी अड़चने अब दूर हो गई है। रेन बसेरे का काम तीन दिन पूर्व शुरु हो गया है। अब पूर्व की भांति रेन बसेरा बनाया जाएगा। करीब एक दशक बाद फिर से तालाब की पाल पर रेन बसेरा पहले जैसे लुक में नजर आएगा। हालांकि रेन बसेरा पूरी तरह से आरसीसी सीमेंट कं्रकीट से बनाया जाएगा। लेकिन अंदर से इसे पूरी तरह से वुडन से बनाया जाएगा। रेन बसेरे के लिए अभी 1 करोड़ 40 लाख का बजट दिया गया है। इसका काम सोमवार से शुरु कर दिया गया है। लेकिन तालाब की पाल के पास होने से फाउंडेशन के दौरान खुदाई में आ रहा पानी परेशानी पैदा कर रहा है। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने मिट्टी की जांच करवाकर यहां काम शुरु किया गया है।नीचे रॉक आने व पानी भरा होने से यहां सरिया डालकर पाइलिंग शुरु कर दी गई है। रेन बसेरे को कोटा की एक नामी कंपनी बना रही है। ऐसे में सब कुछ समय से हुआ तो काठ का रेन बसेरा फिर से जिलेवासियों को जल्द देखने को मिलेगा। गौरतलब है कि काठ के रेन बसरे को असामाजिक तत्वों द्वारा 12.12.2012 को जला दिया था, तभी से इसके बनाने की मांग की जिलेवासियों व पर्यटन विकास समिति द्वारा की जा रही थी। समिति के लोगों का कहना है कि बजट कम है, बजट ओर बढ़ाया जाना चाहिए।

आठ माह में बनकर तैयार हो जाएगा-

सूत्रों ने बताया कि रेन बसेरा का काम आठ माह में पूरा कर लिया जाएगा। इसमें करीब 24 ***** तालाब की पाल के पास किए जाएंगे। पूरा निर्माण 25 पाइल फाउंडेशन और 25 पिलर पर बनाया जाएगा। इसे मजबूत तरीके से बनाया जाएगा ताकि पानी में होने से कोई नुकसान नहीं हो और ये लंबे समय तक टीका रहे। ये होगी सुविधा- रेन बसे में ग्राउंड फ्लोर पर दो रुम अटेच लेट बाथ, व एक डायनिंग हॉल, एक कीचन बनाई जाएगी। तथा फस्ट फ्लोर पर दो रुम, चेजिंग रुम आदि बनाए जाएंगे। वहीं यहां बैठक तालाब में पक्षियों के कलरव भी पर्यटक देख सकेंगे।

अंदर सब जगह होगा वुडन-

रेन बसरे के हर पिलर पर वुडन तथा फाल सिलिंग और अंदर सब जगह वुडन कार्य होगा। इससे यह पहले जैसा ही दिखाई देखा। हालांकि अभी यह तय नहीं किया गया कि वुडन कार्य के लिए कौनसी लकड़ी उपयोग में ली जाएगी लेकिन यह तय है कि लकड़ी ऐसी होगी जो लंबे समय तक खराब न हो और जिसकी चमक बनी रहे। साथ ही इसकी छत को भी पुराने रेन बसेरा की तरह ही डिजाइन किया गया है। इसमें कवेलू जैसा आकार दिया जाएगा।

ऐसा था पुराना रेन बसेरा-

कृष्ण सागर तालाब की पाल स्थापित काठ का रेन बसेरा अपने आप में अनूठा था। ये दो मंजिला भवन देवदार की लकड़ी से बना था। सन 1936 में देहरादून के वन अनुसंधान,संस्थान ने लखनऊ की भारतीय औद्योगिक संघ की प्रदर्शनी में इसे प्रदर्शित किया था। उस समय झालावाड़ के महाराज राजेन्द्र सिंह को यह बहुत पसन्द आया और इसे खरीदकर उन्होने झालावाड़ में कृष्ण सागर तालाब के किनारे 29 अगस्त 1937 को स्थापित करवा दिया था।इसमें स्नानागार, शौचालय, बरामदा व भंडार कक्ष बनाए गए। इसमें पत्थर से बनी एक धूप घड़ी भी थी। रैन बसेरा जलने के बाद इस घड़ी को सुरक्षित रखा गया है।

आठ माह में बनकर तैयार होगा-

काठ के रेन बसेरे को पूराना लुक दिया जाएगा। अंदर पूरी तरह से वुडन का काम होगा। इसमें चार रुम व अन्य सुविधाएं होगी। ये आठ माह में बनकर तैयार हो जाएगा। चिंटू यादव, कनिष्ठ अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग, झालावाड़।