ऐसा ही वाक्या मंगलवार को खानपुर के महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में सामने आया जब कक्षा 6 व 10 के विद्याथियों ने प्रधानाचार्य को लिखित में अवगत कराया कि कक्षाओं में प्रतिदिन पानी का भराव होने के साथ मच्छर काटने से शिक्षण कार्य नहीं कर कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया। कार्यवाहक प्रधानाचार्य नरेष कुमार ने इसकी सूचना मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को दी। पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने पर तहसीलदार भरत कुमार यादव ने विद्यालय में पहुंचकर पटवार घर की छत के पानी की समुचित निकासी व विद्यालय नाली काटकर पानी की निकासी कराने के निर्देश दिए।
2 वर्ष पूर्व 33 लाख से हुआ घटिया निर्माण
राज्य सरकार द्वारा 2 वर्ष पूर्व कस्बे में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल स्वीकृत किया था, लेकिन उस समय स्कूल भवन के अभाव में शिक्षण कार्य अस्पताल के सामुदायिक भवन में कराया। भवन निर्माण पूर्ण होने के बाद गत वर्ष से विद्यालय में शिक्षण कार्य प्रारंभ हुआ, लेकिन ठेकेदार द्वारा 33 लाख की लागत से बिना मापदण्ड के घटिया निर्माण करने के साथ पर्याप्त हवा व रोशनी की व्यवस्था नहीं होने से छात्रों को पसीनें मे तरबतर होकर शिक्षण कार्य करना पड़ रहा है।
314 विद्यार्थियों का नामांकन
अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय में कक्षा 1 से 10 तक कुल 314 विद्यार्थियों का नामांकन है। साथ ही प्रधानाचाय से लेकर वरिष्ठ अध्यापक, वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक अध्यापक, पुस्तकाल अध्यक्ष, प्रयोगशाला सहायक, वरिष्ठ लिपिक, कनिष्ट लिपिक तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सहित 20 जनों का स्टाफ कार्यरत है।
दो साल बाद भी विद्यालय को भूमि आवंटन नहीं
कस्बे के अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के लिए 2 वर्ष बाद भी प्रशासन की उदासीनता के चलते भूमि का आवंटन नहीं हो पाया है। विद्यालय प्रषासन द्वारा 2 वर्ष पूर्व 12 बीघा भूमि आवंटन के लिए जिला कलक्टर को प्रस्ताव भिजवाए थ, लेकिन अब तक प्रस्ताव स्वीकृत नहीं होने से भूमि का आवंटन नहीं हो पाया है।
पोषाहार-पुस्तकों से भरे कक्ष में शिक्षण कार्य
विद्यालय भवन के लिए पर्याप्त जगह नहीं होने से यहां पोषाहार व पुस्तकों से भरे कमरे मे छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों को षिक्षण कार्य कराया जा रहा है। साथ ही बिजली जाने के साथ ही अंधेरे मे दिखाई नहीं देने से बिजली आने तक शिक्षण कार्य ठप रहता है। हवा की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से भीषण गर्मी व उमस में पसीने से तरबतर होकर नन्हें मुन्नों को शिक्षण कार्य करना पड़ रहा है। इसके अलावा भवन के अभाव प्रधानाचार्य कक्ष व कार्यालय भी एक ही कमरे मे संचालित हो रहा है। विद्यालय मे खेल मैदान के नाम पर महज 25 गुणा 50 वर्ग फीट की भूमि है जो प्रार्थना कराने के लिए पर्याप्त नहीं है।