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10 वीं की छात्रा ने मां के लिए बनाया ऐसा यंत्र कि जिला कलक्टर करेंगे सम्मानित और बाल वैज्ञानिक बनकर जाएगी जापान

झालावाड़ जिले के गंगधार उपखंड क्षेत्र के छोटे से गांव हसामदी की बाल वैज्ञानिक को पासपोर्ट के अभाव में वीजा बनने में आ रही अड़चन और जापान जाने में हो रही समस्या की खबर पत्रिका में 3 अक्टूबर को ‘नहीं हुआ पासपोर्ट जारी, बाल वैज्ञानिक मनीषा कैसे जाएगी जापान?‘ शीर्षक से प्रकाशित होने के बाद विभाग हरकत में आया।

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झालावाड़ जिले के गंगधार उपखंड क्षेत्र के छोटे से गांव हसामदी की बाल वैज्ञानिक को पासपोर्ट के अभाव में वीजा बनने में आ रही अड़चन और जापान जाने में हो रही समस्या की खबर पत्रिका में 3 अक्टूबर को ‘नहीं हुआ पासपोर्ट जारी, बाल वैज्ञानिक मनीषा कैसे जाएगी जापान?‘ शीर्षक से प्रकाशित होने के बाद विभाग हरकत में आया।

दरअसल जिस दिन राजस्थान पत्रिका में खबर छपी उसी दिन जिला कलक्टर आलोक रंजन के पिता रमेशचद्र ने फोन किया और इस बेटी के लिए प्रयास करने को कहा। इसके बाद जिला कलक्टर ने जयपुर, दिल्ली आदि जगह बात कर विशेष प्रयास किए और मनीषा का पासपोर्ट बन गया और वीजा आवेदन के लिए भी भेज दिया है।
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राउमावि रोझाना की बालिका मनीषा का इंस्पायर अवॉर्ड मानक स्कीम शकुरा हाई स्कूल प्रोग्राम ऑफ जापान के अंतर्गत चयन हुआ है। पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद जिला कलक्टर ने जयपुर फोन करके पासपोर्ट बनवाया तथा उसका वीजा बनाने के लिए दिल्ली में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों से वार्ता की। यदि समय पर उसका वीजा बन जाता है तो बालिका जापान में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा ले सकेगी।
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विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेन्द्र गहलोत ने बताया कि बाल वैज्ञानिक मनीषा 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर झालावाड़ में जिला कलक्टर द्वारा सम्मानित की जाएगी।

इनका भी रहा योगदान
बाल वैज्ञानिक मनीषा के पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया में यूनिसेफ दिल्ली में कार्यरत गंगधार निवासी गणेश कुमार निगम व राउप्रावि के अध्यापक रामदयाल का भी विशेष योगदान रहा।

इसलिए मनीषा जाएगी जापान
बाल वैज्ञानिक मनीषा वर्तमान में राउमावि रोझाना में कक्षा 10 वीं की छात्रा है। इसने राउप्रावि हसामदी में कक्षा 7 वीं में अध्ययन के दौरान अपनी मां को हाथों से गोबर उठाते हुए देखा और गोबर को बिना छुए उठाने का यंत्र बनाया था। उसका मॉडल जिला एवं राज्य स्तर पर टॉप रहा। जापान में 5 नवंबर को प्रस्तावित कार्यक्रम में देशभर से 59 व राजस्थान से छह बाल वैज्ञानिक का चयन हुआ है। जिसमें मनीषा कुंवर भी शामिल है।


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