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झालावाड़

मावठ की बरसात ने यहां खड़ी कर दी सबसे बड़ी परेशानी

चंद्रभागा कार्तिक मेले की दुकानों में भरा पानी, कीचड़ फैला

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मावठ की बरसात से चंद्रभागा कार्तिक मेले में दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ। इससे दुकानदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बरसात से मेले के सभी बाजारों में कीचड़ फैल गया। इससे लोगों को आवाजाही में परेशानी आ गई। मेले के मनिहारी एवं चूड़ी बाजार में बरसात का पानी दुकानों के अंदर भर गया। इससे व्यापारियों का माल भीग गया और उन्हें सामान को सुरक्षित रखने के लिए परेशान होना पड़ा। मेले में पशुओं के श्रृंगार सामग्री बाजार में लगी करीब एक दर्जन दुकानें तेज हवा के साथ बरसात होने से ध्वस्त हो गईं। इससे व्यापारियों का काफी सामान खराब हो गया और उनकी दुकानदारी चौपट हो गई। इन दुकानदारों को वापस दुकान लगाने के लिए मशक्कत करना पड़ रही है।

 


आर्थिक नुकसान

मनोरंजन के साधन झूले और चकरी वालों को भी काफी नुकसान हुआ। मेले के अन्य दुकानदारों के यहां बरसात से दुकान में रखा सामान भीग गया। इससे इन दुकानदारों को भी काफी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। दुकानदारों ने बताया कि मेले के बाजार में कीचड़ और फिसलन होने से उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है।

 


दुकानदारों ने किया विरोध प्रदर्शन

मेला व्यापार संघ के तत्वावधान में मेला व्यापारियों ने मेला प्रशासन के सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने को लेकर जिला एवं मेला प्रशासन के विरोध में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। मेला व्यापार संघ अध्यक्ष मुकेश मंत्री, उपाध्यक्ष अब्दुल वहीद कुरैशी, सचिव मोहम्मद खालिद, संगठन मंत्री दुलीचंद प्रजापति, इरशाद भाई, हाफिज सईद, जेनुल अंसारी, मोनू प्रजापति व पंकज चौहान की अगुवाई में मेले के दुकानदारों एकत्र हुए। नारेबाजी की इन्होंने मेले में भारी अव्यवस्था होने से दुकानदारों को आ रही परेशानी को लेकर जिला एवं मेला प्रशासन के विरोध में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कारियों ने बताया कि पशुपालन विभाग की ओर से दुकानदारों से हर वर्ष 10 प्रतिशत राशि बढ़ाकर बोली शुरू की जाती है इससे दुकानदारों को हर वर्ष महंगी दरों पर नीलामी में भूखंड आवंटित किए जाते हैं।

 


सुविधाएं नहीं

महंगी दरों पर भूखंड आवंटित किए जाने के बावजूद सुविधा के नाम पर कुछ भी उपलब्ध नहीं हैं। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष मेले के उद्घाटन कार्यक्रम में अधिकारियों ने मेला विकास प्राधिकरण का गठन करने की जानकारी दी थी। इसमें बताया गया था कि मेला परिसर में रोड का निर्माण तथा पक्की दुकानों का निर्माण करवाया जाएगा।

 


स्टेडियम नहीं बनाया

इसके साथ ही यहां पर मेला रंगमंच पर होने वाले कार्यक्रम के लिए स्टेडियम बनाया जाएगा। इसके बावजूद आज तक मेले में दुकानदारों के लिए किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। मेले के समय हर वर्ष मावठ की बरसात होती है इसमें दुकानदारों को काफी नुकसान होता है। इस वर्ष भी सोमवार तड़के हुई बरसात से कई दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ है।

 


रात में अंधेरा

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि मेला प्रशासन हर वर्ष दुकानदारों से भूखंड आवंटन के नाम पर लाखों रुपए बटोर कर ले जाता है और इसकी एवज में दुकानदारों को आज तक कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। मेला परिसर में रोड लाइट की उचित व्यवस्था नहीं होने से कई बाजार में रात को अंधकार छाया रहता है।

 


पुलिस गस्त नहीं

रात के समय पुलिस गस्त की व्यवस्था नहीं है। जिससे दुकानदार और मेले में आने वाले दर्शक अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ वर्ष पूर्व इसी मेले में एक जने की हत्या कर दी गई थी। तब से ही दुकानदार सहमें हुए रहते हैं।

 


मेला परिसर में अतिक्रमण

मेला परिसर के अंदर सभी बाजार में हो रहे अतिक्रमण से लोगों को आने-जाने में परेशानी आती है। सभी बाजार की सड़कों पर बीच में कुछ लोगों ने ठेले लगाकर और फुटपाथ पर बैठकर अतिक्रमण कर रखा है। इससे सड़क की चौड़ाई कम हो गई है। इस कारण महंगी दरों पर भूखंड लेने वाले दुकानदारों के साथ ही ग्राहकों को भी परेशानी आ रही है।

 


साफ-सफाई नहीं

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि मेला परिसर में साफ-सफाई की उचित व्यवस्था नहीं होने से जगह-जगह गंदगी और कीचड़ बना हुआ है। इसके अलावा इस मेले में हजारों की तादाद में पुरुष एवं स्त्री ग्राहक आते हैं।

 


अस्थाई शौचालय-मूत्रालय जरूरी

यहां शौचालय और मूत्रालय की व्यवस्था तक नहीं है। जिससे बाहर से आने वाले दर्शकों को काफी परेशानी आती है। इन्होंने बताया कि मेला परिसर के अंदर अस्थाई शौचालय मूत्रालय का प्रबंध किया जाना चाहिए।

 

दूषित खाना प्रकरण से मेले का व्यापार प्रभावित

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि पिछले दिनों हुए फूड प्वाइजनिंग के मामले में घटना दूषित पानी पीने से होने की बात स्पष्ट होने के बावजूद प्रशासन के मेले में खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदारों को लगातार प्ररेशान करने से इनका व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। मेले के खाद्य सामग्री वाले दुकानदार भयभीत हैं। इन दुकानदारों ने लाखों रुपए लगाकर अपनी दुकानें लगाई हैं और यह कहीं भी दोषी नहीं हैं इसके बावजूद प्रशासन की ओर से इन पर बार-बार नकेल कसी जा रही है।

 


चाट-पकौड़ी के ठेले नहीं लग पा रहे

प्रशासन के दबाव के कारण मेले में चाट-पकौड़ी के ठेले नहीं लग पा रहे हैं। इससे लोगों का रोजगार प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को फूड पॉइजनिंग के मामले में आई रिपोर्ट को सार्वजनिक कर लोगों के मन से भय को मिटाना चाहिए। जिससे यह मेला फिर से पूरे यौवन से चल सके।