
भरी गर्मी में पैदल चलकर देने जा रहे नौनिहाल पांचवी बोर्ड की परीक्षा
झालावाड़.पांचवी कक्षा में अध्ययन करने वाले बाल विद्यार्थियों पर पांचवी बोर्ड परीक्षा का तनाव ऊपर से कहीं तीन-चार किलोमीटर पैदल चलकर परीक्षा देने जाने की परेशानी। इसके चलते भरी गर्मी में छात्रों को दोहरी परीक्षा देनी पड़ रही है। ऐसे में बाल परीक्षार्थियों को परीक्षा से पूर्व काफी तनाव का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों ने बताया कि बोर्ड परीक्षा होने के बाद भी दूसरे गांव के स्कूल में परीक्षा देने जाना पड़ रहा है। इससे परीक्षा में असुविधा महसूस हो रही है।
ऐसे हो रही असुविधा-
जिन छात्रों के अभिभावकों के पास साधन नहीं है। या मजदूरी कर पेट पालने वाले अभिभावकों के बच्चों को ज्यादा परेशानी हो रही है। ऐसे बच्चों को स्वयं ही पैदल चलकर दूसरे गांव के स्कूल में परीक्षा देने जाना पड़ रहा है।
यह हो रहा असर-
पांचवी बोर्ड के छात्र छोटे होते हंै। वह अभी बोर्ड परीक्षा के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं। ऐसे में परीक्षा से पहले ही वह घबरा रहे हंै। ऐसे में परीक्षा केन्द्र दूर बनाने से परीक्षा में असहज महसूस कर रहा है। छात्रा शिवानी के पिता केसरी लाल ने बताया कि उनकी बालिका उंडल स्कूल में अध्ययन करती है। लेकिन उसका परीक्षा केन्द्र राजकीय माध्यमिक विद्यालय खानपुर में दिया गया है। ऐसे में तीन-चार किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है। छात्रा दिव्या के पिता सत्यनारायण ने बताया कि छोटे बच्चों की परीक्षा में क्या परेशानी है। इनकी परीक्षा तो उंडल स्कूल में ही हो सकती है। छोटे बच्चे कौनसे नकल करते हैं। जो दूसरे स्कूल में भेजा जा रहा है। इन्हें तो यहीं दूर-दूर बिठा कर ही परीक्षा ले लेते तो यह परेशानी नहीं होती। अभी खानपुरिया केन्द्र पर उंडल व डीएवी स्कूल के करीब 48 छात्र परीक्षा देने जाते हैं।
सेंटर पर मिली अव्यवस्था-
पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बाघेर में पांचवी बोर्ड की परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। शनिवार को परीक्षा केन्द्र पर जाकर देखा गया तो शुरूआत में छात्र अव्यवस्थित बैठे मिले। लेकिन जैसी ही फोटो लिया गया शिक्षक ने छात्रों को सही बिठा दिया। यहां १२५ छात्र परीक्षा दे रहे हैं। छात्र अर्जुन नागर, जीवन, रेखा भील, आयुष राठौर आदि ने बताया कि वह बन्या गांव से साढ़े तीन किलोमीटर पैदल चलकर आते हैं। कभी कोई साधन मिल जाता है। तो उनमें बैठकर आते हैं।
यह बोले अभिभावक-
रामनगर व बन्या गांव के छात्रों के अभिभावक शंकरलाल चौबदार व बलराम कुम्हार, जगदीश राठौर, दुर्गाशंकर ने बताया कि गांव में ही परीक्षा केन्द्र हो तो छात्रों को तीन-चार किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़े।
यह कहना है जानकारों का-
हां छोटे बच्चे है। परीक्षा केन्द्र उनके स्कूल में ही बनाया जा सकता था। लेकिन पहली बार परीक्षा हो रही है। इसलिए थोड़ी परेशानी हो रही है। आगे से ऐसी परेशानी नहीं हो ऐसी व्यवस्था शिक्षा विभाग के अधिकारियों को करनी चिहिए।
इतने छात्र दे रहे परीक्षा-
जिले में 407 परीक्षा केन्द्रों पर 27 हजार 743 छात्र परीक्षा दे रहे हैं।
यह बोले जिम्मेदार-
जिन परीक्षा केन्द्रों की पहले शिकायत आई थी। उनके परीक्षा केन्द्र निकट के स्कूल में बना दिए गए है। लेकिन अब बदलना संभव नहीं है। अब तो अगले सत्र में ही बदलना संभव हो पाएगा।
गंगाधर मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारम्भिक, झालावाड़।
Published on:
08 Apr 2018 06:55 pm
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