
किसान सरसों की खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। गत वर्ष 15 मार्च से समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद शुरू हो गई थी। इस साल मार्च बीतने को है, लेकिन खरीद को लेकर कोई तैयारी नहीं दिख रही है। उल्लेखनीय है कि इन दिनों मंडियो में सरसों की आवक हो रही है। फसल कटाई के बाद किसान सीधे सरसों की उपज को तैयार कर बेचने के लिए मंडी में ला रहे हैं। कई किसान समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होने का इंतजार भी कर रहे हैं।
मार्च लगभग खत्म हो गया लेकिन सरसों की सरकारी खरीद शुरू होने का किसानों का इंतजार अब भी अधूरा है। समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद शुरू नहीं होने से किसान मंडियों में कम दाम पर अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं। इन दिनों सरसों की कटाई जोर-जोर से चल रही है। ऊपज तैयार होने के बाद किसान रकम की जरूरत पर उपज को मंडियो में बेचने के लिए ला रहे हैं। लेकिन यहां समर्थन मूल्य से कम भाव पर किसानों को अपनी सरसों की उपज बेचनी पड़ रही है।
किसान सरसों की खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। गत वर्ष 15 मार्च से समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद शुरू हो गई थी। इस साल मार्च बीतने को है, लेकिन खरीद को लेकर कोई तैयारी नहीं दिख रही है। उल्लेखनीय है कि इन दिनों मंडियो में सरसों की आवक हो रही है। फसल कटाई के बाद किसान सीधे सरसों की उपज को तैयार कर बेचने के लिए मंडी में ला रहे हैं। कई किसान समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होने का इंतजार भी कर रहे हैं।
सरकारी स्तर से भी अभी तक सरसों की खरीद को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। खरीद तिथि तय होना तो दूर पंजीयन प्रक्रिया को लेकर तक कोई जानकारी किसानों को नहीं है। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार खरीद शुरू करेगी तब तक आधी से ज्यादा उपज बाजारों में बिक जाएगी। इस स्थिति में समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू करना सिर्फ किसानों के साथ छलावा साबित होगा। नुकसान उठा रहे किसान।
किसानो की माने तो सरसों का समर्थन मूल्य वर्ष 2025- 2026 के लिए 5950 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह साल 2024- 2025 के मुकाबले 300 रुपए ज्यादा है। वर्ष 2024- 25 में सरसों का समर्थन मूल्य 5650 रुपए प्रति क्विंटल था। मौजूदा समय में सरसों का बाजार भाव 5000 से 5700 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
सरसों की समर्थन मूल्य खरीद सरकार को 15 मार्च से ही शुरू कर देनी चाहिए। अभी तक सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं हुई। किसान बाजार में कम दाम पर अपनी उपज बेचने को मजबूर है।
जगदीश चंद्र शर्मा, तहसील अध्यक्ष भारतीय किसान संघ
समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं होने से किसानों को नुकसान हो रहा है। सरकार समर्थन मूल्य खरीद के नाम पर सिर्फ किसानों को गुमराह कर रही है। जब तक खरीद शुरू होगी तब तक तो आधी से ज्यादा ऊपज कम दाम में बिक जाएगी।
त्रिलोक चंद सुमन, किसान
Updated on:
31 Mar 2025 12:08 pm
Published on:
31 Mar 2025 12:07 pm
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