
राज्य के शिक्षा विभाग में 15 माह पहले विभागीय पदोन्नति में व्याख्याता से उप प्राचार्य बने कार्मिकों को अब पदस्थापन मिलने वाला है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद शिक्षा निदेशालय ने पदोन्नति से पदोन्नत हुए उप प्राचार्य की काउंसलिंग करवाने की तैयारियां शुरू भी कर दी है।
अब निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर आईएएस आशीष मोदी ने आदेश जारी कर दिया। जिसमें विभागीय पदोन्नति समिति की ओर से उप-प्राचार्य की वर्ष 2022-23 डीपीसी के उपरांत पदोन्नत होने वाले कार्मिकों के संबंध में पदस्थापन आदेश जारी किए जाने से पूर्व शाला दर्पण एसडीपीएमएस,शाला दर्पण पोस्टिंग मैनेजमेंट सिस्टम पर ऑनलाईनकाउसलिंग प्रक्रिया के लिए कार्यक्रम जारी किया है। जिसके माध्यम से 10 हजार 49 पदोन्नत उप प्राचार्यो का जल्द ही पदस्थापन किया जाएगा। ऐसे में झालावाड़ के भी करीब 185 व्याख्याता अब जल्द अपने मूल पद उप प्राचार्य पर कार्य करेंगे।
वेतन उप प्राचार्य का काम व्याख्याता -
जिले में स्थिति ये थी कि पदोन्नति के बाद सैकड़ों स्कूलों में एक से लेकर आठ-आठ, नौ-नौ उप प्राचार्य हो गए थे। इनकी पदोन्नति तो हो गई, लेकिन दूसरी स्कूलों में नियुक्ति नहीं मिली। शिक्षा विभाग ने पदनाम बदल कर वर्तमान स्कूल में ही अगले आदेश तक नियुक्ति दे दी और नए पद के अनुरूप वेतन मिलना शुरू हो गया। यानी पद उप प्राचार्य का मिला,लेकिन काम व्याख्याता का ही कर रहे थे।ऐसे में प्रदेशभर में विभाग अब तक बिना काम के करोड़ों रुपए की सैलेरी इनको दे चुका है, जबकि राज्य में हजारों स्कूलों में मुखिया नहीं है। झालावाड़ जिले के डग व मनोहरथाना ब्लॉक में तो दर्जनों स्कूलों में प्राचार्य नहीं है। वहीं यहां पीईईओ तक के पद रिक्त चल रहे हैं।सीबीईओ तक के पद रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में जिले कई स्कूलों की मॉनिटरिंग भी समय पर नहीं हो पा रही है।
मांग ली सभी सूचनाएं
- अभ्यर्थियों से विशेष वर्ग की जानकारी के लिए निर्धारित प्रपत्र जारी कर, सूचना प्राप्त कर ली गई है। वहीं प्राप्त सूचना के आधार पर अस्थायी वरीयता सूची विभागीय वेबसाईट पर प्रकाशन कर वरीयता सूची के संदर्भ में आपत्तियां आदि मांग कर समन्वय द्वारा डाटा का सत्यापन कर लिया गया है। वहीं 30 जून को प्राप्त अंतिम आपत्तियों के आधार पर संशोधन कर स्थायी वरीयता सूची का प्रकाशन एवं शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुरूप रिक्तियों आदि का काम भी कर लिया गया है।
ऐसे चलेगा काउंसलिंग का कार्यक्रम-
-1 से 4 जुलाई तक वरीयता सूची में उल्लेखित आशार्थियों द्वारा विद्यालयों का चयन एवं ऑप्शन लॉक किया जाना 4 जुलाई मध्य रात्रि 12 बजे तक।
-5 जुलाई को आशार्थियों की ओर से लिए गए विकल्पों के आधार पर एनआईसी एवं शाला दर्पण जयपुर बीकानेर द्वारा रिजल्ट रिपोर्ट तैयार करना।
-8 जुलाई को तैयार रिजल्ट रिपोर्ट के आधार पर पदस्थापन संबंधी आदेश जारी करना ।
दिव्यांगों को दी जाएगी राहत-
उप प्राचार्य पदों के लिए काउंसलिंग से होने वाले पदस्थापन में वरीयता के लिए कार्मिक 40 प्रतिशत से अधिक, दिव्यांगविकलांग व्यक्ति ;प्रमाण पत्र सहित,विधवा महिला,पति का मृत्यु प्रमाण पत्र,परित्यकता महिला,सक्षम न्यायालय से जारी डिकी की प्रति, असाध्य रोग से पीडितव्यक्ति(कैंसर गुर्दा प्रत्यारोपण एवं हृदय शल्य चिकित्सा) एकल महिला अभ्यर्थी आदि की जानकारी पूर्व में ही मांग ली गई है ऐसे में उन्हे भी काउसलिंग में छूट देकर उनके निकट के स्थान दिए जाएंगे।
इनका कहना है-
हमारा संघ व्याख्याता से उप प्राचार्य की पदोन्नति होने के बाद से ही इनके पदस्थापन की मांग कर रहा था। क्योंकि पदोन्नति के बाद से काम पुरानी स्कूलों में व्याख्याता का ही कर रहे थे। साथ राज्य के हजारों स्कूलों में प्राचार्य के पद रिक्त होने से स्कूलों में कार्य समय पर नहीं हो पा रहे थे। अब इनका पदस्थापन होने से जिन स्कूलों में मुखिया के पद रिक्त हैं वहां पदस्थापन होने से स्कूल व विद्यार्थियों दोनों को फायदा होगा। प्रवेश उत्सव प्रभावित नहीं होगा वहीं स्कूल में नामांकन बढ़ेगा। कक्षाएं सुचारू रूप से संचालित होगी।
शिव धाकड़, जिलाध्यक्ष राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद उप प्राचार्य (रेसावीपी)
सूची 7 जुलाई को जारी होगी-
व्याख्याता से उप प्राचार्य बने आशार्थियों द्वारा विद्यालयों का चयन एवं ऑप्शन 4 जुलाई मध्य रात्रि 12 बजे तक लॉक करेंगे। इनकी सूची 7 जुलाई को जारी होगी।
हेमराज पारेता, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक, झालावाड़।
Published on:
02 Jul 2024 10:39 am
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