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हर माह उठा रहे 7 लाख का भुगतान,फिर भी कचरा

locationझालावाड़Published: Nov 22, 2021 07:55:04 pm

Submitted by:

harisingh gurjar

 
– इंदौर के एक वार्ड बराबर झालावाड़ शहर, फिर भी नहीं संभाला – हर माह उठा रहे 7 लाख का भुगतान- घर-घर कचरा संग्रहण सहित तंग गलियों में नहीं जा रही कचरा गाड़ी- जिलेवार रैकिंग में 278 वीं रैंक मिली

Paying 7 lakhs every month, still garbage

हर माह उठा रहे 7 लाख का भुगतान,फिर भी कचरा


झालावाड़. एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की सूची में शामिल झालावाड़ शहर स्वच्छता रैंकिग में देशभर में 278 वें स्थान पर है। झालावाड़ परिषद का सपना था कि सफाई के चलते स्वच्छता रैंकिग में पिछले साल की तुलना में देशभर के टॉप जिलों की सूची में शामिल होगा लेकिन यह सपना पूरा नहीं हो सका। जबकि नगर परिषद ने इंदौर की तर्ज पर शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए इंदौर की बेसिक्स कंपनी को 7 लाख रुपए प्रतिमाह में ठेका भी दिया है। इसके बावजूद भी कंपनी शहर को साफ-सुथरा बनाने में विफल साबित हुई है। शहर की स्वच्छता का इन दिनों कचरा हो रहा है। हांलाकि नगर परिषद पिछले साल देशभर में स्वच्छता रैंकिग में झालावाड़ शहर 759 वें स्थान पर था। इसमें सुधार जरुर हुआ है, लेकिन अपेक्षित सफलता दूर ही रह गई।

इसलिए रह गए पीछे-
निर्माण एवं तोडफोड वेस्ट कंस्ट्रक्शन एण्ड डिमोलिशन वेस्ट के निस्तारण की कोई योजना ही नहीं। शहर में कई जगह पुराने डम्पिंग यार्ड बने हुए है, जिनसे कचरा नहीं उठ रहा है। शहर के लोगों की भी अपेक्षित जनभागीदारी नहीं है। गीला व सूखा कचरा सेग्रीगेशन की व्यवस्था नहीं। नए ऑटो टिपर खरीदे गए लेकिन कचरा एकत्रित करने का ढर्रा पुराना ही है। न तो समय पर कचरा उठता है और नही शहर में पर्याप्त सफाई हो रही है। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण सिस्टम को लेकर कई शिकायतें हैं।पूरे शहर में न तो सीवर लाइन डाली गई है और न ही लक्ष्य के अनुरूप सभी घरों को सीवर लाइन से जोड़ा गया है।
कचरा निस्तारण प्लांट ही नहीं-
शहर में करीब 5 टन अधिक कचरा एकत्रित होता है। इसे गागरोन रोड डम्पिंग ग्राउड पर खुले में डाल दिया जाता है। यहां कचरा प्रोसेसिंग प्लांट नहीं होने से कचरा प्रोसेस नहीं हो पाता। यह कचरा खुले में ही जलाया जाता है। नगर परिषद में करीब 14 लाख रुपए की मशीन धूल फांक रही है, लेकिन इसे लगाया नहीं गया है। ऐसे में कचरे का सेपरेशन नहीं हो पाता है।

ऐसे हो सकता है स्वच्छता रैंकिग में सुधार-
-शहर को कचरा मुक्त बनाया जाए।
– प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाई जाए।
– डोर-टू डोर कचरा संगहण को प्रभावी बनाया जाए।
-गीला कचरा अलग-अलग करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए।
-गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित किया जाए।
– शहर के प्रत्येक घर को सीवरेज से जोड़ा
-कचरा निस्तारण प्लांट लगाया जाए। पुराने कचरे को प्रोसेस किया जाए।
-शहर में निर्माण एवं तोडफोड वेस्ट कंस्ट्रक्शन एण्ड डिमोलिशन वेस्ट के निस्तारण की योजना बनाई जाए।
इंदौर के एक वार्ड के बराबर शहर, फिर भी साफ नहीं-
लगातार चार साल से देश में स्वच्छता सर्वे में पहले स्थान पर आ रहे इंदौर को देखकर नगर परिषद के अधिकारियों ने इंदौर जाकर देखा और वहां की बेसिक्स कंपनी को शहर को इंदौर की तर्ज पर साफ-सुथरा बनाने का ठेका प्रतिमाह 7 रुपए में दिया। जिसमें कंपनी को 14 कचरा गाड़ी दी गई। एक गाड़ी पर दो-दो व्यक्ति लगाए गए है। इसके साथ ही नगर परिषद के करीब 200 कर्मचारी सफाई का जिम्मा संभाल रहे हैं, फिर भी शहर साफ-सुथरा नजर नहीं आ रहा है। वार्डों में नालियां जाम है, कहीं जगह कचरे के ढ़ेर दिनभर लगे रहते हैं। इंदौर के एक वार्ड के बराबर पूरे झालावाड़ शहर को कंपनी व नपा के कर्मचारी नहीं संभाल पा रहे हैं। हाल में आए डीएलबी निदेशक सफाई कर्मचारियों को अन्य शाखाओं के हटाकर सफाई व्यवस्था में ही लगाने के लिए कहा। लेकिन इसका भी असर नहीं हुआ।
फैक्ट फाइल-
– 50000 से 100000 की जनसंख्या वाले शहरो की जोनल रैकिंग में झालावाड़ ने 36 वां स्थान प्राप्त किया।
-50000 से 100000 की जनसंख्या में आने वाले राजस्थान के शहरों में 3362 अंक प्राप्त कर पहला स्थान प्राप्त किया।
– सम्पूर्ण भारत में जिलेवार रैकिंग में 278 रेंक प्राप्त की।
– सम्पूर्ण राजस्थान में झालावाड़ द्वारा शहरों की सूची में 5 वाँ स्थान प्राप्त किया।
इतने अंक मिले-
– सर्विस लेवल में 2400 अंकों में से 1648.91 अंक प्राप्त किए

– सिटीजन फीडबैक जनता की आवाज में 1800 अंकों में से 1413.31 अंक मिले

– ओडीएफ$ एवं जीएफ.सी में 1800 में से 300 अंक।
– कुल 6000 अंकों में से झालावाड़ शहर को 3362.22 अंक मिले।

वर्ष रैकिंग

2019- 940

2020- 759

2021- 278

कचरे के लगे रहते ढेर-
सफाई कर्मचारी आते नहीं है, सड़कों पर गोबर फैला रहता है। कचरे के ढ़ेर लगे रहते हैं। ऐसे में शहर की स्वच्छता रैकिंग अच्छी कैसे आएगी।
पूजा यादव,हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी,झालावाड़।
नहीं होती सफाई-
हमारी कॉलोनी में प्लाट में पानी भरा हुआ है, डेंगू के मच्छर पैदा हो रहे हैं, नियमित सफाई नहीं होती है। इसलिए भी शहर स्वच्छता रैकिंग में पिछड़ गया।
प्रेरणा रत्नू, जवाहर कॉलोनी, झालावाड़।
प्रयास कर रहे हैं-
नगर परिषद से 14 गाड़ी मिली है। धीरे-धीरे शहर को इंदौर की तर्ज पर साफ बनाने का प्रयास कररहे हैं। लोगों को जागरुक कर रहे हैं। घरों से 50 रुपए व स्लम एरिया से 30 रूपए प्रति घर लेेने का निर्णय लिया गया है। पूरे शहर में गाडिय़ां जा रही है, संकड़ी गलियों के लिए ई-रिक्शा की व्यवस्था कर रहे हैं।
अशोक पटेल, सुपरवाईजर, बेसिक्स कंपनी, इंदौर।

स्थिति सुधारेंगे-
दीपावली के बाद से सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई है। 10-12 दिन में स्थिति सुधार दी जाएगी। रैंकिंग कम ही आई है, इसके लिए भी आगे से प्रयास करेंगे।
संजय शुक्ला, सभापति, नगर परिषद, झालावाड़।
रिपोर्ट: हरि सिंह गुर्जर

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