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वीरान स्वयं सिद्धा भवन से समाजकंटक खोल ले गए खिड़की-दरवाजे

महिला एवं बाल विकास विभाग

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Samaikantak opened the doors and windows from the deserted Siddha Bhavan

महिला एवं बाल विकास विभाग

झालरापाटन. महिला एवं बाल विकास विभाग का लाखों रुपए खर्च कर बनाया स्वयं सिद्धा भवन विभागीय उदासीनता के चलते जर्जर हो रहा है, जबकि विभाग का कार्यालय पंचायत समिति के पुराने सभाभवन में चल रहा है।
इंदौर मार्ग पर मेला मैदान के पास 10 वर्ष पूर्व 10 लाख रुपए की लागत से कार्यकारी एजेंसी झालरापाटन पंचायत समिति की ग्राम पंचायत कोलाना ने इस भवन का निर्माण कराया था। तब इस भवन का निर्माण कार्यक्रम अधिकारी महिला अधिकारिता विभाग के माध्यम से स्वयं सहायता समूह के प्रशिक्षण के लिए कराया था, लेकिन बनने के बाद से इसे उपयोग में नहीं लेने से यह वीरान पड़ा है।
-होने लगी टूट-फूट
लाखों रुपए की लागत से बना सरकारी भवन समाज कंटकों की भेंट चढ़ रहा है। नवनिर्मित भवन की छत पूरी तरह से उखड़ गई है। समाजकंटक इसके खिड़की व दरवाजे चुरा ले गए हंै। सभी खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। कमरों की फर्शियां उखडऩे लगी हैं। समाज कंटक यहां की संपदा को बेरोक टोक ले जा रहे हैं। सूने पड़े भवन में खुलेआम लोग शराब व स्मैक पी रहे हंै। परिसर के अन्दर गंदगी पड़ी है। मैदान में झाड़-झंकार उग रहे हैं। कई लोग इसका उपयोग मवेशियों को बांधने के लिए कर रहे हैं।
-आमजन को नहीं सुविधा
सरकारी भवन का उपयोग नहीं होने से लोगों को सरकार की योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। विभाग के ही बाल विकास परियोजना का कार्यालय पंचायत समिति के पुराने सभा भवन के छोटे से परिसर में चल रहा है। जहां पर स्टाफ व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ही बैठने में परेशानी होती है। यदि इस कार्यालय को ही इस भवन में स्थानातंरित कर दिया जाए, तो इसकी दुर्गति होने से बच सकती है।
-प्रशिक्षणार्थियों को नहीं मिल रहा लाभ
राज्य सरकार के स्वयं सहायता समूह प्रशिक्षणार्थियों के नाम पर बनाए भवन का कोई उपयोग नहीं होने से प्रशिक्षणार्थियों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बैठक द्वारिकाधीश परिसर में करना पड़ती है।
-स्वयं सिद्धा भवन के बारे में जानकारी कराती हूं।
मनीषा तिवारी, उपखण्ड अधिकारी, झालावाड़

हिम्मतगढ़ में पशु चिकित्सा उपकेंद्र बंद
धरोनिया. हिम्मतगढ़ गांव स्थित राजकीय पशु चिकित्सा उपकेन्द्र तीन माह से नहीं खुला है। इससे क्षेत्र के पशुपालकों को परेशानी हो रही है। पशुपालक रामप्रसाद चौधरी, कन्हैयालाल दांगी, नरेश, विजयसिंह गुर्जर आदी ने बताया की हिमतगढ़ में सभी के पास पशुधन है, लेकिन उपचार के लिए चिकित्सक नहीं होने से दूसरी जगहों पर ले जाना पड़ रहा है। इससे समय और धन दोनों ज्यादा खर्च हो रहा है।

आंगनबाड़ी का रिकॉर्ड अपूर्ण मिला
भवानीमंडी. महुडिय़ा गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर गुरुवार को अव्यवस्था दिखाई दी। उपखण्ड अधिकारी राजेश डागा ने निरीक्षण किया, तो केंद्र तो खुला था, लेकिन उसमें न बालक थे, न कोई कार्यकर्ता। एसडीएम के आने का पता चलने पर कार्यकता यशोदा पहुंची। इस दौरान रिकॉर्ड भी अपूर्ण मिला। इस पर नाराजगी जताई। लोलड़ा गांव के स्कूल को चेक किया तो प्रधानाचार्य ने स्कूल के भवन की छत से पानी टपकने और पास के नाले में पानी जमा होने से मच्छर होने की जानकारी दी।

8 फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र धारकों के खिलाफ केस दर्ज
मनोहरथाना. उपखण्ड क्षेत्र से फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों के विरूद्ध चिकित्सा विभाग ने की बड़ी कार्रवाई की। वहीं थाने में आठ फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र वालों के खिलाफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मामला दर्ज कराया।
सीएमएचओ साजिद खान ने बताया की फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र की सूचना उपखण्ड अधिकारी अंजना शेरावत द्वारा कलक्टर को देने पर कलक्टर के निर्देश पर क्षेत्र के कुल 77 दिव्यांग प्रमाणपत्रों की जांच की। इसमें से 17 प्रमाणपत्र संदिग्ध नजर आए। आठ प्रमाणपत्रों को ऑनलाईन चेक करने पर कोई विवरण नहीं मिला। वहीं इन पर किसी अधिकारी के हस्ताक्षर भी नहीं मिले। इस पर बांसखेड़ी निवासी मुकेश पुत्र कजोड़ीलाल, मनोहरथाना निवासी मनोज पुत्र रामचन्द्र, मनोहरथाना निवासी अंकित पुत्र जगदीश प्रसाद, मनोहरथाना निवासी रमेश पुत्र काशीराम, सरेड़ी निवासी पवन पुत्र बीरम, सरेडी निवासी प्रति पुत्री पवन, टोडऱी मीरा निवासी द्रोपती पुत्री हीरालाल के विरूद्ध थाने में मामला दर्ज कराया।