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अतिक्रमण नहीं हटाए गए तो नपेंगे सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी

सरकारी सख्ती ग्रामीण क्षेत्र में पंचायतों की भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश

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Sarpanch and Village Development Officer will measure if encroachments are not removed

सुनेल पंचायत समिति फाइल फोटो।

सुनेल। न केवल झालावाड़ जिला बल्कि प्रदेशभर की ग्राम पंचायतों में पंचायत की भूमि पर हो रहे अतिक्रमण की शिकायतों की भरमार रहती है। इससे निजात दिलाने के लिए सरकार ने कड़ा रूख अख्तियार किया है। जिसके तहत अब कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस संबंध में सरकार ने दो दिन पूर्व ही आदेश जारी कर सरपंचों को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए है। सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि सरपंच पंचायती राज कानून से मिली शक्तियों का इस्तेमाल करें। यदि सरपंच ऐसा नही कर पाते है तो फिर सरकार के स्तर पर सरपंचों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। गौरतलब है कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती विभाग के शासन सचिव रवि जैन ने इस संबंध में आदेश जारी किए है। इसमें कहा कि पंचायतों के स्वामित्व की आबादी व खातेदारी भूमि पर कुछ लोग अतिक्रमण कर रहे है। इन पर ग्राम पंचायत की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। लेकिन यदि अब सरपंच अतिक्रमण हटाने के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
करवाना होगा सर्वे, तीन पंचों की बनेगी समिति
तहसीलदार राहुल कुमार कलोरिया ने बताया कि आदेश के अनुसार पंचायत की सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण की जानकारी के लिए जनवरी और जुलाई में आबादी, तालाब-तल और चरागाह भूमि पर हो रहे अतिक्रमण का सर्वे करना होगा। इसके लिए तीन पंचों की समिति बनाई जाएगी। ग्राम पंचायत आबादी क्षेत्र में किए गए ऐसे अतिक्रमण का ब्योरा ग्राम विकास अधिकारी के रजिस्टर में दर्ज कराना होगा। अतिक्रमण की जानकारी पुख्ता हो जाती है तो सरपंच को आबादी क्षेत्र से अतिक्रमियों को बेदखल करने का नोटिस जारी करना होगा। अतिक्रमण की जानकारी पंचायत या सदस्य या सचिव को ध्यान में लानी होगी। यही नहीं सरपंच को तुरंत अतिक्रमण रोकना होगा।
तहसीलदार को देनी होगी रिपोर्ट
यदि ग्राम पंचायत की राय हो कि अतिक्रमण का विनियमन करने से नियम-146 में उल्लेखित शर्तो का अतिक्रमण नहीं होगा तो बाजार कीमत पर भूमि आवंटित कर सकेंगे। चरागाह या तालाब तल पर अतिक्रमण के मामलों की लिखित रिपोर्ट तहसीलदार को देनी होगी। ग्राम पंचायता अतिक्रमण हटाने के दौरान क्षेत्र के उपखण्ड मजिस्ट्रेट से पुलिस की इमदाद ले सकती है। पंचायत को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि तहसीलदार ने चरागाह अतिक्रमी पर रोपित शास्तियों की राशि पंचायत निधि में जमा करवाई है या नहीं। अवहेलना पर संबंधित सरपंच या ग्राम विकास अधिकारी के विरूद्व अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।