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झालावाड़

हड़ताल ने मरीजों का बढ़ा दिया दर्द, ऑपरेशन के बाद नहीं मिल रही सलाह

    - निजी में ऑपरेशन टांके कटवाने सरकारी में आ रहे मरीज

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झालावाड़.राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्रदेश सहित जिला व ग्रामीण क्षेत्रों में निजी अस्पतालों की गत 18 मार्च से चल रही हड़ताल सोमवार को भी जारी रही। हड़ताल से चिरंजीवी व आरजीएच सहित अन्य योजनाओं में बीमित मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। सरकारी अस्पताल में भार बढऩे से मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। लेकिन सरकारी अस्पताल में भी मरीजों को राहत नहीं मिल रही है। वहां भी इलाज के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं।
निजी चिकित्सकों की हड़ताल के समर्थन में एसआरजी अस्पताल सहित जिले के पीएचसी व सीएचसी के सरकारी चिकित्सक भी घरों पर मरीजों को नहीं देख रहे हैं। ऐसे में निजी का सारा भार सरकारी चिकित्सालय पर आ गया है। ऐसे में मरीजों को परामर्श के लिए परेशान होना पड़ा रहा है। इधर आईएमए के सचिव डॉ.महावीर मीणा ने बताया कि राइट टू हेल्थ के विरोध में सभी चिकित्सकों ने घर पर ओपीडी की सेवाएं बन्द कर रखी है। इस दौरान कोई भी सरकारी चिकित्सक आगामी दिशा निर्देशों तक घर पर भी मरीजों को परामर्श नहीं देंगे।

सर्जरी के बढ़े केस-
निजी अस्पतालों की हड़ताल के कारण एसआरजी चिकित्सालय में अब सर्जरी के केस बढऩे लगे हैं। निजी के अधिकांश ऑपरेशन अस्थि विभाग में आ रहे हैं। अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ.महावीर मीणा ने बताया कि अन्य दिनों की अपेक्षा पांच से सात सर्जरी के केस बढ़ रहे है।इसके अलावा जनरल व नेत्र सर्जरी के केस में भी थोडी बढ़ोतरी हुई है।

निजी में होते है प्रतिदन 90 ऑपरेशन-
आयुष्मान अस्पताल के डॉ. विमल अग्रवाल ने बताया कि जिले में करीब 2 दर्जन से अधिक निजी अस्पताल है। सरकार की चिरंजीवी व आरजीएच योजना में सर्वाधिक 90 प्रतिशित तक ऑपरेशन निजी अस्पतालों में होते है। इन अस्पतालों में सिजेरियन डिलेवरी के अलावा प्रतिदिन 90 से 100 विभिन्न प्रकार के मेजर ऑपरेशन किए जाते है। जिनमें ऑर्थो, आई, ईएनटी, जनरल सर्जरी सहित कई तरह के ऑपरेशन शामिल है। अग्रवाल ने बताया कि 10-12 केस सिजेरियन डिलीवरी के भी प्रतिदिन होती है। वो भी इन दिनों नहीं हो रहे हैं।

ऑपरेशन के बाद मर्ज बढ़ा-
मरीज राम लाल ने बताया कि यूरिन में परेशानी आने के कारण कुछ दिनों पूर्व एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन करवाया था। वहां से छुट्टी के बाद अस्पताल में हड़ताल हो गई। इस दौरान यूरिन में परेशानी हो गई। अब कहां दिखाएं। कोई भी निजी हॉस्पीटल वाला मरीजों को नहीं देख रहे हैं।

जांच नहीं दिखा पाए-
अस्पताल में मरीज रामबिलास ने बताया कि खांसी व सांस में तकलीफ होने के कारण दिखाने आए थे, लेकिन सुबह दो घंटे की हड़ताल के कारण दोपहर 1 बजे नम्बर आया। चिकित्सक ने जांच करवाई थी, लेकिन तीन बजे बाद जांच मिली, लेकिन जब तक चिकित्सक उठ गए थे, अब कल फिर से जांच दिखाने वापस आना होगा।

सुबह से कतार में खड़े हैं-
इन दिनों मौसमी वायल के चलते मरीजों की संख्या बढ़ गई है। कई मरीज पेट दर्द, वायरल व चक्कर की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। लेकिन सुबह से कतार में लगने के बाद दो घंटे में नंबर आ रहा है।

मरीजों की पीड़ा
हार्ट में तकलीफ-
1.मुझे हार्ट में तकलीफ थी, दिखाने आया था, लेकिन यहां तो बहुत लंबी लाइन है, अब पता नहीं कितनी देर में नंबर आएगा।
हंसराज गुर्जर, मरीज निवासी पालखंदा

दो घंटे हो गए
2.मुझे सर्दी-जुकाम है, दो घंटे हो गए लाइन में लगे अभी तक नंबर नहीं आया, सरकार को जल्द हड़ताल समाप्त करवाना चाहिए।
करणसिंह मरीज, निवासी गोविन्दपुरा।

सीने में दर्द
3. मुझे सुबह सीने में दर्द हो रहा था, दिखाने आया था नंबर नहीं आया तो थककर नीचे बैठ गया। सरकार को कोई रास्ता निकालना चाहिए।मरीज कब तक परेशान होंगे।
कन्हैयालाल, मरीज निवासी नानौर।

मरीज ज्यादा, डॉक्टर कम
4.सर्दी-जुकाम होने पर एसआरजी चिकित्सालय में दिखाने के लिए आया था। दो घंटे हो गए है, लेकिन अभी तक नंबर नहीं आया।
राजुलाल, मरीज, निवासी रायपुर।

मौसमी वायरल चल रहा-
इन दिनों सर्दी-जुकाम, खांसी बुखार के मरीज आ रहे हैं।बुखार तीन-चार दिन में सही हो रहा है, खांसी में लंबा समय लग रहा है। कई जिलों में कोविड के केस भी आ रहे हैं। लोगों को भीड़ में जाने के दौरान मास्क लगाकर ही जाना चाहिए। कुछ मौसमी वायरल भी चल रहा है।लोगों को समय से जांच करवाकर इलाज लेना चाहिए।
डॉ.आरसी पंकज, वरिष्ठ फिजिशियन,एसआरजी चिकित्सालय, झालावाड़।