याचिका में कहा है कि वंदे मातरम राष्ट्रीय तराना है और केंद्र सरकार को निर्देश दिए जाएं कि इसके गाए जाने या बजाए जाने के दौरान उसी प्रकार सम्मान दिया जाए जिस प्रकार राष्टीय गान जन मन गण पर दिया जाता है। याचिका में इसके लिए राष्ट्रीय सम्मान कानून-1971 में संशोधन करने की मांग की है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि वंदे मातरम के संबंध में कोई कानूनी प्रावधान नहीं होने के कारण आमजन इसके गाए जाने या बजाए जाने के दौरान ना चाहते हुए भी असम्मान प्रदर्शित करते हैं। दिल्ली निवासी याचिकाकर्ता का कहना है कि 1950 में तत्कालीन राष्ट्रपति भी वंदे मातरम को राष्ट्रीय गान के समकक्ष मानने व सम्मान दिए जाने को कह चुके हैं।