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संस्कृत कॉलेज को भूल गई सरकार, स्कूल के तीन कमरों में हो रहा संचालित

टलाई. कस्बे में राजकीय शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय 2023 में बजट सत्र में खोलने की घोषणा की थी। यहां द्वितीय वर्ष की कक्षाएं शुरू हुए आधा सत्र बीत गया। इसके बाद भी सरकार छात्रों व भवन आदि सुविधाओं के लिए कोई सुध नहीं ले रही है। जानकारी के अनुसार कस्बे में राज्य सरकार ने बजट घोषणा […]

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  • रटलाई. कस्बे में राजकीय शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय 2023 में बजट सत्र में खोलने की घोषणा की थी। यहां द्वितीय वर्ष की कक्षाएं शुरू हुए आधा सत्र बीत गया। इसके बाद भी सरकार छात्रों व भवन आदि सुविधाओं के लिए कोई सुध नहीं ले रही है।

टलाई. कस्बे में राजकीय शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय 2023 में बजट सत्र में खोलने की घोषणा की थी। यहां द्वितीय वर्ष की कक्षाएं शुरू हुए आधा सत्र बीत गया। इसके बाद भी सरकार छात्रों व भवन आदि सुविधाओं के लिए कोई सुध नहीं ले रही है।

जानकारी के अनुसार कस्बे में राज्य सरकार ने बजट घोषणा 10 फरवरी 2023 में राजकीय शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय खोला था । जहां इसी वर्ष शास्त्री प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू की गई थी। वर्ष 2024 में इसी महाविद्यालय में द्वितीय वर्ष की कक्षाएं भी शुरू हो चुकी है। प्रथम वर्ष में 121 एवं द्वितीय वर्ष में 99 छात्र अध्ययनरत है लेकिन यहां सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं मिला है।

न कक्षाएं लग पा रही, न स्टाफ के लिए जगह

राजकीय शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय के लिए राजस्थान सरकार व संस्कृत शिक्षा निदेशालय द्वारा संस्कृत विद्यालय के कमरों में शुरू करने की स्वीकृति मिली थी। 2 सालों से यह महाविद्यालय 3 कमरों में संचालित हो रहा है। जहां पर शास्त्री प्रथम व द्वितीय वर्ष की 4 कक्षाओं व कार्यालय, प्रिंसीपल कक्ष आदि इन 3 कमरों में चल रहा है। वहीं 4 कक्षाओं को संचालित करने में खासी परेशानी आ रही है । साथ ही अन्य सुविधाओं के लिए भी परेशानी हो रही है।

जमीन मिली पर बजट का है इंतजार

राजकीय शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय रटलाई के भवन निर्माण के लिए सांवलपुरा देवनारायण के पास ग्राम पंचायत रटलाई के सहयोग से करीब सवा आठ बीघा जमीन मिल चुकी है । इस भूमि पर महाविद्यालय के भवन व अन्य सुविधाओं का निर्माण होना है । लेकिन बजट नहीं मिला है। ऐसे में बजट मिले तो उस जमीन पर महाविद्यालय भवन का निर्माण हो।

भामाशाहों के सहयोग से कई कार्य हुए

राजकीय शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय रटलाई को शुरू करने के लिए क्षेत्र के कई भामाशाहों के सहयोग से कार्य किए गए । जिससे महाविद्यालय संचालित हो रहा है । भवन की पुताई, कार्यालय के लिए फर्नीचर, छात्र-छात्राओं के लिए स्टूल मेज आदि की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई । इस प्रकार के सहयोग से महाविद्यालय चल रहा है ।

महाविद्यालय को सुचारू रूप से संचालन के लिए प्रयास जारी है। इस वर्ष छात्रों के लिए फर्नीचर के लिए राशि मिली है । वहीं भवन निर्माण के लिए बजट सरकार द्वारा दिया जाएगा। वहीं क्षेत्र के कई भामाशाहों के सहयोग से व्यवस्थाएं भी जुटाई जा रही है । छात्रों के बैठने की समस्या को लेकर दो पारी में महाविद्यालय संचालन के लिए स्वीकृति मिली है। इस वर्ष भी नए संस्कृत महाविद्यालयों में छात्र संख्या पूरे राजस्थान में सबसे ज्यादा है।

  • डाॅ.अवधेश कुमार मिश्र,प्रिंसीपल, राजकीय शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय रटलाई