नौनिहालों की 'बाड़ीÓ में नहीं है शौचालय और पानी की सुविधा
-आंगनबाड़ी केन्द्रों के हाल-बेहाल

हरिसिंह गुर्जर
झालावाड़.जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की अनदेखी के साथ ही जिला प्रशासन की उदासीनता के चलते कई आंगनबाड़ी केन्द्र दुर्दशा का शिकार हो रहे है।
विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल 1510 आंगनबाड़ी केन्द्र चल रहे है। कई केन्द्रों में पेयजल, शौचालय, विद्युत आदि की सुविधा नहीं होने के कारण नौनिहालों के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकताओं व सहयोगिनों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में छोटे बच्चों व सहायोगिनियों को घर से पानी ले जाना पड़ रहा है।
अन्य विभागों के भरोसो चल रहे केन्द्र-
जिले में करीब 500 आंगनबाड़ी केन्द्र ऐसे है जो किराए के भवन में या स्कूल व अन्य संस्थानों के भरोसे चल रहे हैं। जिसमें 247 आंगनबाड़ी केन्द स्कूल में तथा 172 कराए के भवनों में संचालित है। विभाग की ओर से उक्त भवनों को किराया बाबत महज दो सौ से 750 रुपए का भुगतान किया जाता है। ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह भुगतान कम होने से अतिरिक्त भुगतान कार्यकर्ताओंए आशा सहयोगिनों व सहायिकाओं को अपनी पगार में से भुगतान करना पड़ रहा है।
शौचालच का अभाव-
जिले के आगनबाड़ी केन्द्रो के करीब 1011 भवनों में शौचालय व रसोईघर आदि सुविधाओं का अभाव है। वहीं उक्त किराए की राशि भी छह माह से नहीं मिल रही है। इसी प्रकार कार्यकताओं व सहयोगिनों के साथ साथ सहायिकाओं की पगार भी पिछले दो माह से नहीं मिलने के कारण उन्हे उधारी में घर खर्च चलाना पड़ रहा है।
क्षतिग्रस्त पर नहीं नजर-
कस्बे में पिछले दस वर्ष में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी केन्द्र जर्जर हालात में है। लेकिन इनकी मरम्मत अभी तक नहीं की गई है। हालंाकि विभाग की ओर से प्रस्ताव बनाकर उच्च स्तर पर भेजे गए है,लेकिन अभी तक कार्य के लिए बजट स्वीकृत नहीं हो पा पाया है। ऐसे में विभाग की क्षतिग्रस्त भवनों के सुधार को लेकर भी सजगता कहीं नजर आती दिखाई नहीं दे रही है। जिससे केन्द्र किराए के भवन सहित ग्राम पंचायत भवन व स्कूलों में चलाने को मजबूर है।
ये है केन्द्रों की स्थिति-
जिले के कई आंगनबाड़ी केन्द्रों की हालात सही नहीं होने से कई खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 67 केन्द्र ऐसे है जो क्षतिग्रस्त हैए तथा 37 पूर्ण क्षतिग्रस्त है। ऐसे में बच्चों को बिठाने पर कभी हादसा भी हो सकता है।
हाल है बेहाल, ब्लॉकवार क्षतिग्रस्त केन्द्र
भण्मंडी 15
सुनेल 16
झालरापाटन 9
बकानी13
फैक्ट फाइल
-जिल में आंगनबाड़ी केन्द्र 1511
- बिना शौचालय के संचालित केन्द-1011
-बिना पेयजल सुविधा के संचालित केन्द्र- 763
- विद्यालयों में संचालित केन्द्र- 247
- अन्य भवनों में संचालित केन्द्र- 77
- किराए के भवनों में संचालित केन्द्र-172
प्रस्ताव बनाकर भेज दिए-
जिले में रिपेयर योग्य आंगनबाडी केन्द्रों की सूची निदेशालय भेज रखी है। वहां से बजट आने के बाद ही मरम्मत कारवाई जाएगी। शैचालय के लिए जिला परिषद से 155 केन्द्रां की स्वीकृति आ चुकी है।
महेशचन्द गुप्ता, उपनिदेशक, महिला बाल विकास, झालावाड़।
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