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कबाड़ हो गई 20 लाख की टॉय ट्रेन

'वसुंधरा एक्सप्रेस' की अनदेखी से पहिए हुए जाम

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झालावाड़. शहर में जयराज पार्क के ट्रेन जोन में बच्चों की टॉय ट्रेन (वसुंधरा एक्सप्रेस)तीन साल से धूल फांक रही है। लाखों रुपए की टॉय ट्रेन व सामान कबाड़ में तब्दील हो गए है। बावजूद जिम्मेदारों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। यहां कोरोना से पूर्व टॉय ट्रेन छुक-छुक करती दौड़ते हुए नजर आती थी, शाम होते ही पार्क में आने वाले बच्चे टॉय ट्रेन में सफर का आनंद लेते थे। यहां तत्कालीन जिला कलक्टर ने अधिकारियों से टॉय ट्रेन को नियमित संचालित करने के निर्देश दिए थे।

इस ट्रेन का नाम 'वसुंधरा एक्सप्रेस' बच्चों की रेल है। कोटा के चम्बल गार्डन की तर्ज पर झालावाड़ शहर के भवानी पार्क में बच्चों के मनोरंजन के लिए वसुंधरा एक्सप्रेस चिल्ड्रन ट्रेन का संचालन करीब एक दशम पूर्व शुरू किया गया था। इस पार्क को भी तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के शासन काल में विकसित किया गया था। मेट्रो व बड़े शहरों की तर्ज पर बच्चों के मनोरंजन के लिए यह टॉय ट्रेन शुरू की गई थी। इसके लिए पार्क में अलग से ट्रेन जोन बनाया गया था। जिसमें चारों ओर रेलवे ट्रैक बनाया गया है। रेल लाइन बिछाई गई है। ट्रेन खड़ी करने के लिए छायादार यार्ड है। रेलवे स्टेशन की तर्ज पर मिनी स्टेशन भी बनाया गया था। लेकिन अब ये सब कबाड़ में बदल हो गए है।

डिब्बे व इंजन हो अलग-

भवानीपार्क में बनाए गए रेलवे स्टेशन पर बच्चों की ट्रेन के डिब्बे व इंजन अलग-अलग हो गए है। कई सामान चोर चुरा ले गए है। ट्रेक भी बदहाल हो गय। पटरियां उखड़ गई। सूत्रों ने बताया कि इस पूरे सिस्टम को बनाने में 50 लाख से अधिक का बजट आया था, लेकिन इसकी सारसंभाल नहीं होने से लाखों रुपए का सामान बेकार हो रहा है। वहीं बच्चों को भी खेलने की सुविधा नहीं मिल पा रही।

10 और 20 रुपए का टिकट

वसुंधरा चिल्ड्रन ट्रेन में टिकट की दो श्रेणी थी, एक से 15 साल के बच्चों का दस रुपए टिकट लिया जाता था, तथा इससे अधिक आयु वर्ग के लए 20 रुपए का टिकट निर्धारित किया गया था। ट्रेन के तत्कालीन लोको पायलट ने बताया कि 2022 तक ट्रेन का संचालन किया गया है, लेकिन धीरे-धीरे इसकी सारसंभाल नहीं होने से ट्रेन बंद हो गई। ट्रेन में गर्मी में स्कूलों की छुट्टियों के दौरान अच्छा ट्रैफिक रहता था, पूरा पार्क बच्चों से भरा नजर आता था।

करें पहल तो चल सकती वसुन्धरा एक्सपे्रस-

सूत्रों ने बताया कि अगर प्रशासन इस दिशा में पहल करें तो फिर से वसुन्धरा एक्सप्रेस ट्रेन चल सकती है। इसकी मरम्मत करवाकर टॉय ट्रेन को फिर से चलाया जा सकता है। ताकि गर्मी में बच्चों को मनोरंजन होगा, छोटे बच्चे कुछ समय तो मोबाइल दूर हो सकेंगे। अभी बच्चे आते हैं लेकिन यहां टूटे झूले, चकरी व बदहाल ट्रेक देखकर निराश होकर चल जाते हैं। यहां बच्चों के लिए सेफ्टी पार्क भी बनाया गया है। जिसमें कई तरह की नवीन जानकारी भी बच्चों को मिलेंगी।

क्या स्थिति पता करवाते हैं-

बच्चों की टॉय ट्रेन को दिखवाते हैं, क्या स्थिति है। एक्सपर्ट से बात करते हैं, अलग फिर से चलने की स्थिति में होगी तो निवादा जारी कर ट्रेन को फिर से चलाया जाएगा, ताकि बच्चों को मनोरंजन की सुविधा मिल सके।

संदीप काशवानी, जेईएन, नगर परिषद, झालावाड़।


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