scriptकमजोर हुए फेफड़े, कृत्रिम ऑक्सीजन पर ज्यादा निर्भर | Weak lungs, more dependent on artificial oxygen | Patrika News

कमजोर हुए फेफड़े, कृत्रिम ऑक्सीजन पर ज्यादा निर्भर

locationझालावाड़Published: Oct 15, 2020 08:58:51 pm

Submitted by:

harisingh gurjar

कोरोना साइड इफेक्ट: कई मरीज नेगेटिव फिर भी भर्ती होना पड़ा

Weak lungs, more dependent on artificial oxygen

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झालावाड़.झालावाड़ जिले में कोरोना वायरस घातक साबित हो रहा है। अब मरीजों में साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं। कई मरीज अब कृत्रिम ऑक्सीजन पर ही निर्भर हो गए है। इससे डॉक्टर भी चिंतित है।
एसआरजी चिकित्सालय के कोविड वार्ड में करीब 20 से 22 मरीज आईसीयू में 15 से अधिक समय से भर्ती हंै। इनमें से अधिकांश मरीजों में कोरोना से संबंधित सारा उपचार हो चुका है।
दुविधा यह है कि इनके फेफड़े कोविड न्यूमोनिया के कारण इतने ज्यादा कमजोर व खराब हो चुके है, कि इनमें से ज्यादातर को कृत्रिम सांस देनी पड़ रही है, हालांकि अब जिन लोगों को 15 दिन तक हो चुके हैं उन्हें थोड़ी राहत है। कुछ बुजुर्गों को वेंटीलेटर पर भी रखा गया है।
न्यूमोनिया भी एक कारण
सामान्य न्यूमोनिया के कारण श्वास नलिकाओं में आई सूजन उपचार से ठीक होने लगती है ओर फेफड़े पूरी तरह रिकवर हो जाते हैं, लेकिन कोविड न्यूमोनिया में यह सूजन ठीक होकर फाइब्रोसिस में बदल रही है। यानि सिकुड़ रही है, जो संभवत फेफड़ों में लंबे समय तक रह जाएगा। ऐसे में मरीजों को भविष्य में फेफड़ों संबंधित व्यायाम व उपचार पर हमेशा निर्भर रहना पड़ सकता है।

ऐसे है मरीजों की हालात
पार्वती
उम्र 27 वर्षए कोई पुरानी बीमारी नहीं मेडिकल स्टाफ। कोविड से संक्रमित होकर होकर नेगेटिव हो चुकी है। लेकिन 15 दिन से आरआईसीयू में भर्ती है। शुरूआत में एक सप्ताह तक ऑक्सीजन दी गई। अभी कमजोरी की वजह से भर्ती है।
शभूंसिंह
उम्र 60 वर्ष कोरोना से पॉजिटिव होने के बाद सांस में परेशानी थी। नेगेटिव होने के बाद भी अभी परेशानी बनी हुई है। नेगेटिव होने के बाद ऑक्सीजन की जरूरत है।

मांगीलाल
उम्र 55 वर्षएबीपी व शुगर मरीज हैए कोविड से दोनों फेफड़े सक्रमित हुए। अब उपचार के बाद नेगेटिव हो गए है। लेकिन कमजोरी व संास लेने में अभी परेशानी बनी हुई है।
शारदा.
उम्र 35 वर्ष पॉजिटिव आने के बाद 15 दिन में सही हो गई है। एक सप्ताह तक ऑक्सीजन लगानी पड़ी हैए लेकिन अभी भी सांस लेने में परेशानी बनी हुई है।

सूरज.
उम्र 30वर्ष चार बार नेगेटिव आने के भी फेफड़ों में बहुत ज्यादा संक्रमण बना हुआ है। आठ दिन तक ऑक्सीजनपर रखा गया। पांचवी बार जांच कराने के बाद पॉजिटिव आई है। ऐसे में आरआईसीयू में भर्ती किया गया।
(गोपनीयता के चलते मरीजों के नाम बदले गए है)
जिसकी इम्युनिटी अच्छी उसे कम खतरा-
अभी जो कोरोना के मरीज आ रहे हैं उनकी सीटी स्कैन करवाने से पता चल रहा है कि लंग्स में कितना संक्रमण है। जिसकी इम्युनिटी अच्छी है उसका लंग्स कम प्रभावित हो रहा हैए जिसकी बॉडी में इम्युनिटी कम हैए वहां वायरस का अटैक ज्यादा हो रहा है। जिस मरीज को शूगरए बीपी या अन्य बीमारियों है उन्हें ज्यादा संक्रमण हो रहा है। अभी 21 मरीज भर्ती उनमें से 6 में फेफड़े का संक्रमण होने से ऑक्सीजन लगी हुई है।अभी न्यूमोनिया ज्यादा आने पर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है।
डॉ.पुनीत गुप्ता, एमडीए फिजिशियन,मेडिकल कॉलेज झालावाड़।
रिपोर्ट- हरिसिंह गुर्जर,झालावाड़।

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