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खराब मौसम की कागजों में ही जानकारी दे रहा मौसम स्टेशन

locationझालावाड़Published: Jan 13, 2021 10:38:31 pm

Submitted by:

harisingh gurjar

-जिले के पॉलिटेक्निक कॉलेज में खुलना था वेदर स्टेशन

खराब मौसम की कागजों में ही जानकारी दे रहा मौसम स्टेशन

खराब मौसम की कागजों में ही जानकारी दे रहा मौसम स्टेशन


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झालावाड़.जिले में एक पखवाड़े से मौमस खराब हो रहा है। रोज कोहरा, बादलों को जोर है। लेकिन जिले में वर्तमान में मौसम संबंधी किसानों को जानकारी देने वाला कोई नहीं है। जबकि मौसम खराब, हवा में नमी, बारिश की चेतावनी जैसी सूचनाएं प्रशासन,आमजन व किसानों के लिए खास होती है, लेकिन खुद सरकार सूचनाएं संकलित करने वाले सिस्टम के लिए बजट ही जारी नहीं कर रही।
इससे जिले के लोगों को भारी बारिशए कोहरा व मौसम खराबए तेज हवा आदि की जानकारी नहीं मिल पा रही है। वहीं कृषि विभाग के पास भी मौसम का पूर्वानुमान और आंकलन का कोई साधन नहीं है।तो सिंचाई विभाग के पास भी मौसम को पूर्वानुमान ओर आंकलन का कोई साधन नहीं है। बरसात के आंकड़ें भी जलाशयों पर लगे गेज के माध्यम से ही लिए जाते हैं। उनमें से भी कई गेज से सही जानकारी नहीं मिल पाती है। ऐसे में जिले की जनता मौसम की जानकारी इधर-उधर से सुनकर या ऑनलाइन आधी.अधूरी जानकारी से ही काम चला रही है। मौसम विभाग की स्टेशन के प्रति बेरूखी के चलते जनता को मौसम की सटीक जानकारी भी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में जिले में एक पखवाड़े से खराब मौसम में फसलों को पाले आदि से बचाव के उपाय करने में भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उपकरण आने में हो रही देरी-
जिले में तीन वर्ष पहले विशेष मौसम केन्द्र की स्थापना के प्रस्ताव बनाकर भेजे थे। यह स्टेशन ऑटोमैटिक मौसम की जानकारी देने वाला आधुनिक स्टशेन बनना था। लेकिन अभी पूना हैड ऑफिस से उपकरण नहीं आने से मौसम केन्द्र नहीं खुल पा रहा है। हालांकि इस संबंध में पूना व मौसम विभाग के प्रधान कार्यालय दिल्ली भी कई बार लैटर भेजे गए है। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं होने से जिले में इस केन्द्र की स्थापना नहीं हो पा रही है। इससे लगता है कि सरकारी कामों में अधिकारी कैसे काम करते हैं। जिले के लोगों को कई दिनों से केन्द्र खुलने की आशा बनी हुई है।
कॉलेज में बननी है वैधशाला-
जिले में मौसम की जानकारी के लिए तीन वर्ष पहले केन्द्र खोलने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजे थे। लेकिन अब तक केन्द्र की स्थापना नहीं होने से किसानों को मानसून व खराब मौसम की जानकारी नहीं मिल पा रही है। जिले में मौसम विभाग जयपुर द्वारा केन्द्र की स्थापना जिले के पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में की जानी थी। लेकिन पूना व दिल्ली से उपकरण नहीं आने से अभी तक केन्द्र की स्थापना नहीं हो पाई है। कॉलेज में वैधशाल 10 गुणा 7 के एरिये में बनाए जानी थी। इसमें विज्ञान व भूगोल की जानकारी रखने वालो एक व्यक्ति की नियुक्ति भी की जाएगी।

एनोमीटर आने है पूना से-
पूना से आने वाले स्टीवेशन स्टीम व रेन गेजए एनोमीटरए विंड स्पीड मापने का यंत्रए आद्र्रता मापने के लिए हाइग्रोमीटर आदि पूना से अभी तक नहीं भेजे गए है। मौसमशाला के लिए 28 जून 2017 को एमओयू साइन हुआ था, लेकिन तीन साल से अधिक होने के बाद भी अभी तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है। इसके चलते जिलेवासियों को मौसम की व जिले में होने वाली वर्षा की प्रमाणिक जानकारी भी नहीं मिल पाती है। मौसम विशेषज्ञों का मानाना है कि अभी जो जानकारी गूगल से निकाली जाती है तथा ऑनलाइन देखी जाती हैए उसमें और मौसम केन्द्र जो जिस स्थान पर स्थापित होता हैए दोनों में काफी फर्क रहता है। सटीक व प्रमाणिक जानकारी तो मौसम केन्द्र के माध्यम से ही मिलती हैए जिले में केन्द्र लगे तो किसानों को भी काफी लाभ होगाए कई बार खराबे का आंकलन नहीं हो पाता है। उसमें भी केन्द्र की रिपोर्ट का कापी सहयोग रहेगा।

मौसम केन्द्र जरूरी है-
जिले में हर कभी मौसम खराब हो जाता है, लेकिन किसानों को प्रशासन की ओर से कोई जानकारी नहीं दी जाती है। जिले में मौसम की सटीक जानकारी देने के लिए मौसम केन्द्र का होना बहुत जरूरी है। जानकारी व सटीक रिपोर्ट के आधार पर किसानों को खराबे के मुआवजे में भी सहायता मिलेगी।
गोविन्द पाटीदार, किसान, बकानी खेड़ा।
हां तीन साल पहले एमओयू साइन हुआ थाए पूना हैड ऑफिस से सामान आने है। हमारे यहां से पूना से डिले हो रहा है। सभी उपकरण स्टैंडर्ड व डिजिटल आने हैए दो माह का समय लगेगा। उपकरण आते ही स्टेशन का चालू करवा दिया जाएगा। ताकि किसानों सहित आमजन को सटीक जानकारी मिल सके।
राधेश्याम शर्मा, निदेशक मौसम केन्द्र, जयपुर।
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