
मोदी मैजिक ने जिन्हें बनाया सांसद, उनका गडकरी से लेकर संघ तक संबंध, पहले नहीं लड़ा था कोई चुनाव
झांसी . लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी मैजिक ने जमकर कमाल दिखाया। इसमें कई तो ऐसे लोग चुनकर संसद में पहुंचे हैं, जिन्होंने पहले कभी कोई चुनाव ही नहीं लड़ा। वह तो किसी तरह से टिकट पा गए और मोदी मैजिक के चलते जबरदस्त जीत हासिल करके संसद में दाखिल हो गए। इसी तरह की सीटों में झांसी भी शामिल है। यहां करीब तीन लाख पैंसठ हजार वोटों से जीतकर सांसद बनने वाले उद्योगपति अनुराग शर्मा ने पहले कभी पार्षद तक का चुनाव नहीं लड़ा।
नागपुर कनेक्शन से मिला था टिकट
भारतीय जनता पार्टी ने झांसी से आयुर्वेद दवा कंपनी बैद्यनाथ (झांसी) के डायरेक्टर और पूर्व सांसद पं.विश्वनाथ शर्मा के बेटे अनुराग शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा था। 16 नवम्बर, 1964 को जन्मे अनुराग शर्मा ने 1983-1986 हिसलाप कालेज (नागपुर) से वाणिज्य में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। 1986 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने शक्ति प्रेस, नागपुर में अपनी पहली नौकरी की और बाद में बैद्यनाथ के सी.ई.ओ. बने। 1987-1988 बुन्देलखण्ड यूनिवर्सिटी से वाणिज्य में परास्नातक करने के बाद उन्होंने 2000-2002 हारवर्ड बिजनेस स्कूल से कम्पनी मालिकों के हेतु ‘अध्यक्ष प्रबन्धन कार्यक्रम‘ पर आधारित कोर्स किया। इसके अलावा वह झांसी, ललितपुर व दतिया में स्थित रानी लक्ष्मीबाई पब्लिक स्कूल ग्रुप के चेयरमैन हैं। अनुराग शर्मा को नागपुर कनेक्शन के कारण चुनाव में टिकट हासिल हुआ था। उनके चाचा सुरेश शर्मा का नागपुर में दवा कारखाना है। उनके नितिन गडकरी से लेकर संघ के बड़े पदाधिकारियों से संबंध हैं। इन्हीं संबंधों के चलते उन्हें टिकट मिला और मोदी मैजिक में जीत दर्ज की।
अनुराग शर्मा के पिता का रहा राजनीतिक इतिहास
भाजपा के टिकट पर झांसी से सांसद चुने गए अनुराग शर्मा यूं तो पहले कभी सक्रिय राजनीति में ज्यादा नहीं रहे। उनके पिता पं. विश्वनाथ शर्मा का जरूर राजनीतिक इतिहास रहा है। वह 1974-77 में जिला परिषद, झांसी के अध्यक्ष रहे। इसके बाद वह 1980 से 84 तक झांसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के सांसद रहे। फिर वह भाजपा में शामिल हुए और 1991 से 96 तक हमीरपुर सीट से भाजपा के सांसद रहे।
Published on:
31 May 2019 12:20 pm
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