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बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी: वैदिक गणित के लिए खुलेगा ज्ञान का द्वार, प्रदेश का पहला शोध पीठ स्थापित

यह शोधपीठ बीयू में स्थापित होगा और प्रदेश में अपनी तरह का पहला होगा। यह शोधपीठ छात्रों को वैदिक गणित के बारे में शिक्षा और अनुसंधान करने का अवसर प्रदान करेगा।

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Bundelkhand University Jhansi

बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी - फोटो : सोशल मीडिया

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (बीयू) में प्रदेश का पहला वैदिक गणित शोधपीठ स्थापित होगा। यह शोधपीठ छात्रों को वैदिक गणित की शिक्षा और अनुसंधान का अवसर प्रदान करेगा। साथ ही, प्रतियोगी परीक्षाओं में गणित के प्रश्नों को तेज़ी से हल करने के लिए सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किया जाएगा।

25 लाख रुपये की स्वीकृति

सोमवार को बीयू की कार्य परिषद की बैठक में शोधपीठ के निर्माण के लिए 25 लाख रुपये स्वीकृत किए गए। शोधपीठ के समन्वयक, प्रो. अवनीश कुमार ने बताया कि वैदिक गणित में 16 सूत्र हैं, जिनके माध्यम से गणितीय गणनाओं को जल्दी और आसानी से हल किया जा सकता है।

सर्टिफिकेट कोर्स

सर्टिफिकेट कोर्स में प्रवेश लेने वाले छात्रों को इन सूत्रों की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद, यूपीएससी, एसएससी, रेलवे बोर्ड, बैंकिंग आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को परीक्षा के दौरान गणित के प्रश्नों को तेज़ी से हल करने के बारे में बताया जाएगा।

प्रदेश में पहला

प्रो. अवनीश के अनुसार, अब तक मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय और बीएचयू में वैदिक गणित केंद्र खुले हैं, लेकिन प्रदेश में कहीं भी शोधपीठ नहीं है। बीयू प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय होगा, जहां वैदिक गणित की शोध पीठ स्थापित की जाएगी।

40 छात्रों का बैच

शुरुआत में 40 छात्रों के बैच के साथ 45 घंटे का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होगा, जिसे तीन महीने में पूरा किया जाएगा। इसके लिए 1500 रुपये फीस निर्धारित की गई है। कोर्स के दौरान अंकगणित, बीजगणित और रेखागणित विषयों के वैदिक गणित सूत्रों की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद, वैदिक गणित पर एक साल का डिप्लोमा कोर्स भी शुरू किया जाएगा।

वैदिक गणित को बढ़ावा

यह पहल वैदिक गणित को बढ़ावा देने और छात्रों को गणित के इस प्राचीन और सरल तरीके से परिचित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।