
इस तस्वीर को सोशल मीडिया से लिया गया है।
जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। डिजिटल एक्स-रे से लेकर सीटी स्कैन सेवा का लाभ मरीजों को मिलने लगा है। अब एंडोस्कोपी सुविधा भी शुरू हो गई है। इससे मरीजों को अल्ट्रासाउंड से कई गुना बेहतर लाभ मिल रहा है। एंडोस्कोपी से जिला अस्पताल में अब तक गॉल ब्लैडर से लेकर किडनी स्टोन तक के एक दर्जन से अधिक सफल ऑपरेशन हो चुके हैं। एंडोस्कोपी तकनीक अल्ट्रासाउंड के मुकाबले कई गुना अधिक उपयोगी और शत-प्रतिशत परिणाम देती है। अल्ट्रासाउंड में जहां मरीज की स्किन के ऊपर से शरीर के अंदरूनी भागों में गांठ, जख्म या अन्य जटिलताएं देखी जाती हैं, वहीं एंडोस्कोपी को कैमरे द्वारा मुंह के रास्ते पेट में भेजा जाता है, जिससे शरीर के अंदरूनी भागों की एकदम सटीक इमेज प्राप्त होती है।
एक्सपर्ट डॉक्टर ही करते हैं
ऐसे होता है एंडोस्कोपी टेस्ट यदि मरीज के पेट, गले, लिवर और गॉल ब्लैडर में डॉक्टर को कोई दिक्कत पता चलती है तो एंडोस्कोपी कराई जाती है। इसमें एक पाइप नुमा ट्यूब के अगले छोर पर एक छोटा सा कैमरा और फ्लैश लगा होता है। इस ट्यूब को मरीज के मुंह में कैप पहनाकर धीरे-धीरे आगे बढ़ाया जाता है। कैमरा द्वारा मिली वीडियो को कंप्यूटर स्क्रीन पर देखा जाता है। यह स्कोप एक्सपर्ट चिकित्सक ही कर पाते हैं क्योंकि, इसमें मरीज को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। एंडोस्कोपी से मिली इमेज के अनुसार डॉक्टर कई बार सर्जरी भी साथ में कर देते हैं।
सुविधा मुफ्त मिल रही
जानकारी देते हुए सीनियर सर्जन डॉ. तनवीर रहमान बताते हैं कि जिला अस्पताल में पेट की एंडोस्कोपी होने से मरीजों को बड़ी राहत है। हम जटिल ऑपरेशन भी सरलता से कर पा रहे हैं। बाहर इस सुविधा के लिए मरीजों को अधिक पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन जिला अस्पताल में यह सुविधा मुफ्त है।
Published on:
24 Oct 2023 09:29 am
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