
डीआईजी कलानिधि नैथानी(IPS)
झांसी मंडल के डीआईजी कलानिधि नैथानी ने साइबर अपराध से लोगों को बचाने के लिए कमर कस ली है। वे ऐसी टीम का गठन करने जा रहे हैं। जिसमें बीसीए, एमबीए, बीबीए, बीटेक, एमटेक समेत अन्य प्रोफेशनल डिग्री हासिल करने वाले तेज- तर्रार पुलिसकर्मी को चुना जाएगा। जिससे पीड़ित को समय पर न्याय मिल सके।
तेज-तर्रार पुलिस कर्मी होंगे शामिल
झांसी रेंज डीआईजी कलानिधि नैथानी ने ऐसे पढ़े-लिखे और तेज-तर्रार पुलिसकर्मियों को टीम में शामिल करने का फैसला लिया है। यह टीम झांसी के साथ ही ललितपुर व जालौन में भी बनेगी। कुछ पुलिसकर्मियों को साइबर थाने में तैनाती दी जायेगी। झांसी समेत अन्य जिलों से सूची मांगी जा रही है। जिसके बाद डीआइजी खुद टीम बनाकर काम करायेंगे। साइबर ठगी के मामलों में दिनों-दिन बढ़ोतरी होती जा रही है। साइबर अपराधी अलग-अलग तरीके से लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं। इनमें अनपढ़ ही नहीं, पढ़े-लिखे लोगों को भी ठगी का शिकार बनाया जा रहा है।
दूसरे मोबाइल को अपने कंट्रोल में लिया जा सकता है
'लिंक', 'एनी डेस्क' जैसे ऐप का इस्तेमाल कर दूसरे के मोबाइल फोन को अपने कंट्रोल में ले लेते हैं। इसके बाद बैंक खाते से राशि को साफ कर देते हैं। साइबर ठग दूसरे प्रदेशों में बैठकर ही वारदात को अंजाम देते हैं। इन पर अंकुश लगाए जाने के लिए डीआइजी कलानिधि नैथानी ने उनके प्रयासों को असफल करने की कवायद शुरू कर दी है। जिस अन्दाज से साइबर अपराधी घटना को अंजाम दे रहे हैं, उसी पर पलटवार करते हुए डीआईजी बीसीए, एमबीए, बीबीए, बीटेक, एमटेक समेत अन्य प्रोफेशनल डिग्री हासिल करने वाले इंस्पेक्टर, दारोगा व सिपाहियों की खुद टीम तैयार करने जा रहे हैं।
तीनों जनपदों से चुनी जाएगी टीम
यह टीम झांसी के साथ ललितपुर व जालौन में भी बनेगी। झांसी समेत दोनों जिलों से सूची मंगाने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही बताया जाता है कि साइबर थानों में बीटेक, एमटेक को प्राथमिकता मिलेगी। साथ ही थाना में कम्प्यूटर एक्सपर्ट कर्मियों को भी टीम में शामिल किया जायेगा।
डीआईजी खुद करेंगे सिलेक्शन
पुलिस महकमे में कार्यरत बीटेक और बीसीए जैसी उच्च डिग्री हासिल किये इंस्पेक्टर, दरोगा व सिपाहियों की पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिये टीम बनेगी। इन बाकायदा ट्रेनिंग के साथ ही डीआइजी भी इनकी परख करने के लिये परीक्षा लेकर सवाल-जवाब करेंगे। परीक्षा में खरे उतरने वाले पुलिसकर्मियों को अलग-अलग से जिम्मेदारियां भी मिलेगीं।
जरूरत पड़ने पर कराया जायेगा कोर्स
कलानिधि नैथानी के मुताबिक उच्च डिग्री प्राप्त पुलिसकर्मियों को छांट कर उनको साइबर क्राइम से निपटने की ट्रेनिंग दी जायेगी। ट्रेनिंग में उनको सीडीआर और इससे जुड़े तकनीकी पहलू, साइबर अपराधियों की पृष्ठभूमि, वीओआइपी, एडवांस कम्प्यूटर टेक्नॉलजी, डाटा एनालिसिस और सॉफ्टवेयर साइबर फॉरेंसिक इंवेस्टिगेशन के टूल्स की जानकारी भी दिलाकर दक्ष कराया जायेगा। उन्हें साइबर डिजिटल एविडेंस की उपयोगिता और महिलाओं तथा बच्चों के साथ हो रहे साइबर क्राइम से जुड़ी जानकारियां का कोर्स करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध पर अंकुश लगाने की कवायद तेज कर दी गयी है। रेंज में साइबर एक्सपर्ट की टीम बनायी जा रही है। इसमें साइबर एक्सपर्ट की टीम में कई सारे प्रोफेशनल्स को शामिल किया जायेगा। साइबर एक्सपर्ट टीम में बीसीए, एमबीए, बीबीए, बीटेक किए हुए प्रोफेशनल को रखा जाएगा। हर स्तर की ट्रेनिंग भी दिलाई जायेगी।
चलाए जाएंगे जागरूकता अभियान
डीआईजी कलानिधि नैथानी का मानना है कि जागरूक होने पर ही इन घटनाओं पर रोक लगेगी। साइबर क्राइम बढ़ रहा है। यह जानते हुए भी लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। लोग इन साइबर ठगों के जाल में न फंसे, इसके लिए झांसी समेत ललितपुर व जालौन में अफसरों के निर्देशन में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इसके लिए हर निर्धारित होगा। तीनों जिलों में पब्लिक को जागरूक करने के लिए कदम उठाया जाएगा।
Published on:
13 Jan 2024 09:29 am
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