19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Jhansi News : ट्रेन में सफर के दौरान ग्वालियर में बिछड़ गए पति-पत्नी, झांसी में मिलते ही लगे गले फिर बोले-भाषा बनी रुकावट

Jhansi News : ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर नेपाली दंपति बिछड़ गए। वे झांसी में तैनात डिप्टी एसएस की अच्छी सूझबूझ की वजह से मिल गए।

2 min read
Google source verification
a10

झांसी रेलवे स्टेशन पर मिले नेपाली दंपति।

Jhansi News : नई दिल्ली - हैदराबाद तेलंगाना एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रहे नेपाली पति-पत्नी ग्वालियर स्टेशन पर बिछड़ गए। वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर तैनात डिप्टी एसएस एसके नरवरिया नेपाली दम्पति के लिए सुपरमैन साबित हुए। ट्रेन में यात्रा के दौरान बिछड़े इस दम्पति को उन्होंने अपनी सूझबूझ के चलते फिर से मिला दिया।


बिछड़ने के बाद परेशान हो गया बहादुर

ट्रेन नंबर 12724 के स्लीपर कोच में नेपाल के ग्राम मोदुले, जिला दैलेख (नेपाल) निवासी बाल बहादुर अपनी पत्नी और 6 माह के बच्चे के साथ दिल्ली से हैदराबाद के लिए यात्रा कर रहे थे। ट्रेन रात लगभग 8 बजे ग्वालियर स्टेशन पर रुकी तो बाल बहादुर पानी लेने प्लैटफॉर्म पर उतर गए। इसी दौरान गाड़ी चल दी। बाल बहादुर ग्वालियर स्टेशन पर ही रह गए और उनकी पत्नी व बच्चे ट्रेन में बैठे आगे बढ़ गए। बाल बहादुर ने ग्वालियर रेल प्रशासन को पत्नी के ट्रेन में रह जाने की जानकारी देते हुए मदद की गुहार लगाई, तो वहां से झांसी कंट्रोल रूम को सूचित किया गया।


हिंदी-अंग्रेजी आती नहीं थी

जानकारी मिलते ही वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन के डिप्टी एसएस एसके नरवरिया ने ट्रेन पर महिला और बच्चे की तलाश शुरू कर दी। काफी प्रयास के बाद मां और बच्चे को लेकर वह अपने कार्यालय पहुंचे और यहां महिला से बातचीत करने का प्रयास किया, लेकिन महिला हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषा नहीं जानती थी। ऐसे में डिप्टी एसएस ने झांसी में चौकीदार की नौकरी करने वाले अपने परिचित एक नेपाली युवक को बुलाया। उस नेपाली युवक ने युवती से बातचीत की।


झांसी में मिले पत्नी और बच्चे

महिला से बात करने के बाद डिप्टी एसएस ने उसके पति को ग्वालियर में सूचना देते हुए बताया कि उसकी पत्नी और बच्चा झांसी में सकुशल हैं। अपने परिवार के सुरक्षित होने की जानकारी लगते ही बाल बहादुर ने राहत की सांस ली और अगली ट्रेन से झांसी आ पहुंचे। यहां उनकी पत्नी व बच्चे को उनके सुपुर्द कर दिया गया।