
ये है भगवान जगन्नाथ के रथ खींचने का महत्व, होते हैं ये लाभ
झांसी। श्री श्री 1008 भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा में शामिल होने का पौराणिक महत्व है। ब्रह्मपुराण, नारद पुराण, पदम पुराण एवं स्कंद पुराण में भगवान श्री जगन्नाथ जी की महिमा का उल्लेख मिलता है। इनमें बताया गया है कि परम सौभाग्यशाली व्यक्ति ही भगवान की यात्रा में शामिल होता है। उससे भी ज्यादा सौभाग्यशाली वह व्यक्ति है जो भगवान के रथ की रस्सी खींचता है और रथ के आगे-आगे सफाई का काम करता है। ऐसे व्यक्ति का जीवन बृज के गोप ग्वाल एवं गोप सेनाओं की तरह दिव्य हो जाता है। उनको पूर्ण आध्यात्मिक शरीर प्राप्त हो जाता है। जन्म, मृत्यु, जरा और व्याधि से छुटकारा मिल जाता है। अषाढ़ सुदी द्वितीया को भगवान खुद मंदिर से बाहर निकलकर रथ में सवार होकर भक्तों को दर्शन देकर उन्हें कृतार्थ करने को निकलते हैं। इस बार यह तिथि 14 जुलाई को है।
ये रहेगा रूट
श्री श्री 1008 भगवान जगन्नाथ स्वामी मंदिर सेवा समिति झांसी के तत्वावधान में होने जा रहे इस कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुये समिति सदस्यों ने सयुंक्त रूप से बताया कि कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी हैं। यात्रा गोपाल नीखरा से प्रारंभ होकर आर्यसमाज मंदिर, गंधीगर का टपरा, सर्राफा बाजार , मानिक चौक, डाकघर, मालिनों का चौराहा, बड़ाबाजार, मुरली मनोहर मंदिर, सुभाष गंज, रानीमहल, सिंधी तिराहा, कोतवाली की ढाल, गहोई धमशाला, गंधीगर का टपरा, साईं का तकिया, पुरानी नझाई होती हुयी 17 गोपाल नीखरा, मंदिर परिसर में पू्र्ण होगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सदर विधायक प. रवि शर्मा होंगे। इस मौके पर संजय नौराही, पीयूष रावत, किशन नौराही, राकेश लाक्षाकार, मनोज नीखरा, महेश अग्रवाल, देवेन्द्र मोदी, आशुतोष साहनी, अमन नौराही, मनमोहन गेड़ा, शिवा नौराही आदि समिति सदस्य मौजूद रहे।
इस यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। इसमें भी इस्कॉन मंदिर से जुड़े भक्तगणों का अंदाज अलग ही होता है। इस्कॉन मंदिर की टोली के हरिनाम संकीर्तन के साथ ही यह यात्रा निकलती है।
Published on:
14 Jul 2018 07:36 am
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