
JDA की इस तस्वीर को सोशल मीडिया से लिया गया है।
झांसी विकास प्राधिकरण द्वारा हंसारी में बसाए जा रहे मेजर ध्यानचंद नगर में पैसा निवेश करने वाले कुछ आवण्टियों की मुसीबत घोषणा पत्र की एक शर्त ने बढ़ा दी है। जेडीए ने अब आवण्टियों से पूछ लिया है कि उनके नाम पर कोई पक्का मकान तो नहीं है? इसके अलावा किसी भी सरकारी योजना में जमीन या मकान लेने का भी विवरण मांग लिया है। यह शर्त पूरी नहीं करने वाले आवण्टियों ने अब चुप्पी साध ली है।
15 साल बाद हुई थी योजना लॉन्च
लगभग 15 वर्ष बाद झांसी विकास प्राधिकरण ने हंसारी में आवासीय योजना लॉन्च की है। पिछले दिनों इस योजना के तहत प्लॉट की ऑनलाइन लॉटरि निकालते हुए आवण्टन कर दिया गया। बुकिंग के तौर पर 1 लाख रुपए भी विभाग ने जमा कराए। ई-लॉटर से प्लॉट प्राप्त करने वाले आवण्टियों से विभाग ने अब घोषणा पत्र भरवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी, लेकिन एक शर्त ने कुछ आवण्टियों की परेशानी बढ़ा दी है। विभाग ने घोषणा पत्र में यह भी पूछ लिया है कि उन्होने ने जेडीए या अन्य कोई सरकारी योजना से कोई आवासीय भवन या भूखण्ड तो नहीं लिया है, या उनके पास कोई पक्का मकान तो नहीं है? इस शर्त के बाद उन आवण्टियों ने चुप्पी साध ली है, जिनके पास पहले से मकान या किसी अन्य सरकारी योजना में भूखंड है। अब अगर वह विवरण छिपाकर शपथ पत्र दे देते हैं तो कार्यवाही की तलवार लटकना तय है, जबकि सच्चाई बताने पर आवण्टन निरस्त कर दिया जाएगा। दरअसल, बहुत-से आवण्टियों ने पैसा निवेश करने के लिए हंसारी में जेडीए के प्लॉट बुक किए हैं, जबकि जेडीए, आवास विकास की अन्य आवासीय योजनाओं में भी उनके नाम पर पहले से भूखंड है।
264 प्लॉट के लिए 3 हजार से अधिक लोगों ने किए थे आवेदन
मेजर ध्यानचंद नगर में भूखंड आवंटित करने के लिए जेडीए ने ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। विभाग ने यहां 264 प्लॉट के लिए आवेदन मांगे तो 3 हजार से अधिक लोगों ने ऑनलाइन दावा ठोक दिया। ई-लॉटरी के माध्यम से जेडीए ने प्लॉट आवंटित कर दिए, जिससे 2700 से अधिक लोगों को निराशा झेलनी पड़ी, क्योंकि उनके नाम की लॉटरी नहीं खुली।
एक बार लिया जा सकता है सरकारी योजना का लाभ
पूरी जानकारी देते हुए जेडिए के उपाध्यक्ष आलोक यादव कहते हैं कि सरकारी आवासीय योजनाओं में नो प्रॉफिट पर भूखण्ड उपलब्ध कराए जाते हैं। सरकार की मंशा है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपना आवास मिल सके। इसलिए एक व्यक्ति को किसी भी सरकारी योजना से एक से अधिक भूखण्ड नहीं दिए जा सकते हैं। हंसारी में मेजर ध्यानचंद की ऑनलाइन बुकिंग के लिए अपलोड प्रपत्र में भी इस शर्त का उल्लेख किया गया था। शपथ पत्र भरने के बाद विभागीय जांच कराई जाएगी। अगर किसी के नाम पर पहले से सरकारी योजना का भूखण्ड या भवन पाया जाता है। तो आवंटन निरस्त करते हुए कार्यवाही की जाएगी।
Published on:
20 Oct 2023 12:46 pm
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