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झांसी में खुला केन-बेतवा लिंक परियोजना का कार्यालय, गंगा बैराज से आए 50 से ज्यादा कर्मचारी

गंगा बैराज के 50 से अधिक कर्मचारी आये झांसी। केन-बेतवा लिंक परियोजना का झांसी में पहला कार्यालय प्रारम्भ। सिंचाई निर्माण खण्ड (प्रथम) के 31 कर्मचारी महोबा हो गए शिफ्ट। दोनों विभागों के अधिकारियों में शुरू हो गई चार्ज हस्तांतरण की प्रक्रिया।

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Ken Betwa Link Project office

झांसी में केन-बेतवा लिंक परियोजना का कार्यालय।

बुंदेलखंड को पानीदार बनाने के लिए शुरू की जा रही केन-बेतवा लिंक परियोजना का पहला कार्यालय झांसी में खुल गया है। गंगा बैराज कानपुर के अधिशासी अभियन्ता से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक झांसी आ गए हैं। इन्हें सिंचाई निर्माण खण्ड (प्रथम) का दफ्तर आवंटित कर दिया गया है, जबकि इस विभाग के स्टाफ को केन-बेतवा लिंक परियोजना के महोबा दफ्तर में स्थानांतरित कर दिया गया है। कानपुर का स्टाफ झांसी में शिफ्ट हो गया है। इसके साथ ही दोनों अधिकारियों के बीच चार्ज हस्तांतरण की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है।


12 जनपदों के लिए वरदान होगा साबित

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 12 जनपदों के लिए वरदान साबित होने वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना को जमीन पर उतारने की कवायद तेज हो गई है। लगभग 50 हजार करोड़ रुपये की परियोजना के लिए झांसी के अलावा महोबा, बांदा में कार्यालय खोले जाने हैं, जिसकी शुरुआत हो गई है। कानपुर के गंगा बैराज में तैनात पूरे स्टाफ को झांसी शिफ्ट किया गया है। यहां से


50 से ज्यादा कर्मचारियों का स्टाफ झांसी आ चुका है

अधिशासी अभियन्ता रविशंकर मिश्रा के साथ लिपिक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी समेत 50 से अधिक कर्मचारियों का स्टाफ झांसी आ गया है। यह पूरा स्टाफ सिंचाई निर्माण खण्ड (प्रथम) के कार्यालय में शिफ्ट कर दिया गया है। यहां कर्मचारियों ने अपना कामकाज भी शुरू कर दिया है तो इस विभाग के 31 कर्मचारी महोबा में शिफ्ट कर

दिए गए हैं। महोबा में सब डिविजन ऑफिस खोल दिया गया है। अब गंगा बैराज के अधिशासी अभियन्ता रविशंकर मिश्रा व सिंचाई निर्माण खण्ड (प्रथम) के अधिशासी अभियन्ता मयंक राज सिंह के बीच चार्ज हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि अगले 15 से 20 दिन में प्रक्रिया पूरी होते ही यह कार्यालय केन-बेतवा लिंक परियोजना में पूरी तरह से तब्दील हो जाएगा।


एक कमरे में बैठे रहे दो अधिशासी अभियन्ता

केन-बेतवा लिंक परियोजना के कार्यालय खुलने की प्रक्रिया शुरू होते ही गंगा बैराज का स्टाफ झांसी आ गया है। इन सभी अधिकारियों व कर्मचारियों ने सिंचाई निर्माण खण्ड (प्रथम) के कार्यालय में कामकाज शुरू कर दिया है, लेकिन चार्ज हस्तांतरण की प्रक्रिया लम्बी होने के कारण अभी गंगा बैराज के अधिशासी अभियन्ता रविशंकर मिश्रा व सिंचाई निर्माण खण्ड (प्रथम) के अधिशासी अभियन्ता मयंक राज सिंह एक ही कक्ष में बैठकर काम निपटा रहे हैं।