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UP nikay chunav : कैसे होगा शत-प्रतिशत मतदान, जब गायब हैं वोटरों के नाम

UP nikay chunav : कैसे बढे मतदान। लिस्ट से गायब नाम। बीएलओ रखे रहे वोटर पर्ची। बीएलओ भी अपडेट नहीं निर्वाचन आयोग की वेबसाइट भी अपडेट नहीं है।

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वोटरों को मतदाता सूची में नहीं मिल रहे नाम।

UP nikay chunav : झांसी में गुरुवार को प्रथम चरण के लिए वोटिंग होने जा रही है। ऐसे में एक तरफ चुनाव आयोग शत-प्रतिशत मतदान की कवायद में जुटा है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी कारिंदे ही आयोग की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। अव्यवस्थाओं का यह हाल है कि मतदाता सूची से तमाम ऐसे मतदाताओं के नाम गायब कर दिए गए हैं, जिन्होंने एक साल पहले ही विधानसभा चुनाव में वोट डाला था और पिछले नगर निकाय चुनाव में भी वोटर थे। इससे बढ़कर खेल बीएलओ ने कर दिया। उसने अधिकांश मतदाताओं तक वोटर स्लिप नहीं पहुँचायी, जिससे मतदाता परेशान हो रहे हैं।


चुनाव में सब कुछ ठीक नजर नहीं आ रहा

नगर निगम चुनाव में सबकुछ ठीक नहीं है। बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) ने संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान के दौरान नए मतदाता बनाने और मृत मतदाताओं के नाम हटाने में कितनी सक्रियता दिखाई, इसका अन्दाजा मतदाता सूची देखकर लगाया जा सकता है। अभियान के दौरान बीएलओ को घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करना था।


एक जगह बैठकर किया सत्यापन

अधिकांश बीएलओ घर से निकले ही नहीं या एक ही जगह बैठकर पूरे वार्ड की मतदाता सूची का सत्यापन कर दिया। जिन लोगों के यहां बीएलओ नहीं गए उन्होंने विशेष कैम्प में बूथ पर जाकर स्वयं मतदाता सूची जांची तथा अपना नाम न होने पर उसे जुड़वाया। इसके बावजूद जब मतदाता सूची सामने आयी तो कई मतदाता दंग रह गए। उनके नाम ही सूची से गायब मिले। किसी परिवार में 5 वोटर है तो 2 के नाम हैं, 3 गायब हैं। या एक ही परिवार के आधे सदस्यों के नाम दूसरे वार्ड की सूची में जोड़ दिए गए। इससे अपना प्रतिनिधि चुनने की लालसा पाले मतदाताओं के अरमानों पर पानी फिर गया है।


लोग मांगते रहे पर्ची

निर्वाचन आयोग ने बीएलओ को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि मतदान के दो दिन पहले हर मतदाता के घर पर मतदाता पर्ची पहुंचा दी जाए। इस पर्ची में मतदाता का नाम, पिता/पति का नाम, उम्र, मतदाता क्रमांक, मतदेय स्थल, बूथ संख्या आदि का विवरण दर्ज होता है, ताकि मतदाता को भटकना न पड़े, लेकिन बीएलओ इसमें भी आलस कर गए। अधिकांश परिवारों के पास मतदाता पर्ची पहुंची ही नहीं। उन्हें यह भी नहीं पता कि वो वोटर रहे या नहीं।


निर्वाचन आयोग की वेबसाइट अपडेट नहीं

वोटरों को वेबसाइट भी कर रही गुमराह, बीएलओ भी अपडेट नहीं निर्वाचन आयोग की वेबसाइट भी अपडेट नहीं है। उसमें दी गई जानकारियां लोगों को गुमराह कर रही हैं। जिला निर्वाचन कार्यालय की वेबसाइट में निकाय और बूथवार बीएलओ के नाम तथा मोबाइल नम्बर दर्ज हैं। जब कोई व्यक्ति उस नम्बर पर कॉल करता है तो पता चलता है कि संबंधित बीएलओ उस क्षेत्र का है ही नहीं। किस क्षेत्र का बीएलओ कौन है यह बताने वाला भी कोई नहीं है। इससे मतदाताओं की समस्याओं का समाधान भी नहीं हो पा रहा है।