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Railway News: सर्दी शुरू होने से पहले फॉग से निपटने की तैयारी, 2 KM पहले मिलेगा कोहरे का सिग्नल

Railway News: 2 किलोमीटर पहले ट्रेन ड्राइवर को मिल जाएगा कोहरे का सिग्नल। सर्दी शुरू होने से पहले रेलवे ने की फॉग से निपटने की तैयारी। फॉग सेव डिवाइस से लैस होकर ट्रेन पर जा रहा स्टाफ।

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train in fog in jhansi

इस तस्वीर को सोशल मीडिया से लिया गया है।

Railway News: सर्दी में पटरियों को गुम कर देने वाला कोहरा अब ट्रेन को प्रभावित नहीं कर पाएगा। इससे निपटने के लिए रेल प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। फॉग सेव डिवाइस तैयार किया गया है, जो 2 किलोमीटर पहले ही ट्रेन चालक को कोहरा छाए होने का सिग्नल दे देगा।

इनको दी जा रही एफएसडी

आमतौर पर सर्दियों में कई सुपरफास्ट ट्रेनों का संचालन सिर्फ इसलिए रद करना पड़ता है, क्योंकि उनके ट्रैक पर कोहरे की घनी चादर फैली रहती है। पहले पटाखे चलाकर कोहरे का अलर्ट किया जाता था, अब संसाधनों के साथ टेक्नॉलजी हावी है। अब रेलवे ने अपने ट्रेन स्टाफ (लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर, ट्रैक मेंटेनर आदि) को एफएसडी (फॉग सेव डिवाइस) से लैस कर दिया है। नवम्बर शुरू होते ही झांसी रेल मंडल में झांसी स्टेशन से गुजरने वाली लगभग 35 ट्रेनों के स्टाफ को एफएसडी दी जाने लगी है।


ऐसे काम करेगी डिवाइस

एफएसडी एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है। बैटरी से चलने वाली एफएसडी ट्रेन संचालन से जुड़े हर कर्मी के पास मौजूद रहेगी। झांसी मण्डल से गुजरने वाली सुपरफास्ट ट्रेनों को फिलहाल यह डिवाइस दी जा रही है। झांसी से ट्रेनों पर चलने वाले स्टाफ की संख्या लगभग 3 हजार है। झांसी रेल प्रशासन के पास फिलहाल 561 डिवाइस उपलब्ध हैं। जीपीएस मैप को फॉलो कर यह डिवाइस लोको पायलट को दो किलोमीटर पहले ही सिग्नल देगी कि आगे कोहरा है। इसके अलावा डिवाइस से यह भी जानकारी हो जाएगी कि आगे क्रॉसिंग अथवा अन्य कोई समस्या है।


इन्होंने कहा

जनसंपर्क अधिकारी रेलवे मनोज कुमार सिंह जानकारी देते हुए बताते हैं कि एफएसडी के मिलने से कोहरे के दौरान ट्रेन संचालन में काफी हद तक मदद मिलेगी। इस आधुनिक तकनीक के सहारे ट्रेन के लोको पायलट को दो किलोमीटर पहले ही कोहरे की जानकारी मिल जाएगी और गाड़ी की रफ्तार आवश्यकता के अनुसार धीमी कर ली जाएगी।