
BJP worker welcome to Swatantra Dev Singh from Air port
झांसी। प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह (swatantra dev singh )को जातीय संतुलन के तहत पिछड़ी जातियों को साधने के लिए प्रदेश अध्यक्ष की कमान दी गई है। स्वतंत्रदेव सिंह का बुंदेलखंड की राजनीति से गहरा नाता रहा है। उन्होंने बुंंदेलखंड से शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ यहीं से राजनीति भी शुरू की। इसके अलावा वह पार्टी के बुंदेलखंड प्रभारी भी रहे हैं। उन्हीं के मार्गदर्शन में सन् २०१४ व २०१९ के लोकसभा चुनाव के साथ ही २०१७ के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शत-प्रतिशत सीटें हासिल करते हुए भाजपा का परचम लहराया।
ये है स्वतंत्र देव का प्राम्भिक जीवन
स्वतंत्र देव की प्रारम्भिक शिक्षा मिर्जापुर के एक प्राथमिक विद्यालय से शुरू हुई। बाद में उन्होंने बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी से बी-एस0सी0 (जीव विज्ञान) से स्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने सन् 1986 में आरएसएस से जुड़कर स्वयंसेवक के रूप में संघ का प्रचारक का कार्य करना प्रारम्भ कर दिया। 13 फरवरी 1964 को मिर्जापुर में जन्मे स्वतन्त्र देव सिंह भारतीय जनता पार्टी में विभिन्न पदों पर रहे। नकल अध्यादेश के दौरान संगठन की ओर से भाषण हेतु नियुक्त। स्वतंत्रदेव सिंह ने अपनी राजनीति की शुरूआत छात्रजीवन से की। वह संस्कृत महाविद्यालय उरई के अध्यक्ष रहे। इसके अलावा वह चित्रा डिग्री कालेज के चेयरमैन रहे। कलराज मिश्र एवं राजनाथ सिंह की अध्यक्षता के समय युवा मोर्चा के महामंत्री रहे। वह जी. किशन रेड्डी के समय में युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे। शिवराज सिंह युवा शाखा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के समय वह प्रदेश अध्यक्ष रहे। इसके अलावा केशरीनाथ त्रिपाठी, रमापति राम त्रिपाठी, लक्ष्मीकान्त बाजपेयी के समय में महामन्त्री एवं सूर्य प्रताप शाही के समय में प्रदेश के उपाध्यक्ष रहे। अब उन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बनाकर आने वाले २०२२ के यूपी के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पिछड़ी जातियों को साधने की कोशिश की है।
Published on:
16 Jul 2019 04:08 pm
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