बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से 14 सब स्टेशन में ब्रेक डाउन। लाखों लोगों तक नहीं पहुंचा पानी। 120 गांव प्रभावित।
बिजली कर्मचारियों की 2 दिन से चल रही हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं। 120 गांव से ज्यादा अंधेरे में डूब चुके हैं। फिलहाल शहर में अभी स्थिति सामान्य बनी हुई है। संविदा कर्मचारियों के भरोसे बिजली को संचालित किया जा रहा है। पारीछा पावर प्लांट की यूनिट भी चालू नहीं हो सकी।
क्षमता से कम बनी बिजली
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले पारीछा थर्मल पावर प्लांट पर हड़ताल पर बैठे है। वे सरकार से न्याय मांग रहे हैं। पारीछा थर्मल पावर प्लांट में हड़ताल के दूसरे दिन 210 मेगावाट की यूनिट चालू नहीं हो सकी। प्लांट में बिजली उत्पादन की क्षमता 920 मेगावाट है। हड़ताल के चलते सिर्फ 400 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया गया।
शहर में चली हड़ताल
शहर मुख्यालय पर भी बिजली कर्मचारी हड़ताल पर बैठे रहे।
जिला संयोजक नेहा सिंह नें मीडिया के सामने अपनी मांग रखी। साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दे डाली। उनका कहना है कि मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 72 घंटे की हड़ताल अनिश्चितकालीन हो जाएगी।
पानी को तरसे लोग
ग्रामीण इलाकों में बिजली सप्लाई ठप हो जाने की वजह से लोग पानी को तरस गए। किसानों के सामने सिंचाई और पेयजल की समस्या खड़ी हो गई। गांव में लोग हैंडपंप और कुएं का सहारा ले रहे हैं।