#ankur dangi पुलिस ने शव को राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। सुबह परिजनों की मांग पर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया। जिसमें डॉ.जितेंद्र यादव, डॉ.देवेंद्र चाहर और डॉ.मनोज जानू आदि शामिल थे। मेडिकल बोर्ड ने भी प्रारंभिक जांच में मौत का कारण आत्महत्या माना है। सीआइ लक्ष्मीनारायण सैनी ने घटनास्थल से जुड़ी जानकारी ली। हैड कांस्टेबल राजेश जांगिड़ ने परिजनों से पर्चा बयान लिए।
#hs ankur dangi वर्ष 2011 में आया अपराध की दुनिया में ओजटू निवासी अंकुर ने वर्ष 2011 में अपराध की दुनिया में कदम रखा। पिलानी थाने में मारपीट का मामला दर्ज हुआ। इसके बाद वह इस दलदल से वापस नहीं निकल सका। और वह लगातार अपराध करता चला गया। जिसके चलते झुंझुनूं के तत्कालीन एसपी ने 24 जून 2015 को ए श्रेणी की हिस्ट्रीशीट खोलने के आदेश दिए।
#ojtoo chirawa अलग-अलग थानों क्षेत्रों में किया अपराध- अंकुर ने करीब नौ साल तक अपराध किए। उसके खिलाफ 28 मुकदमे दर्ज हुए। जिसमें सबसे ज्यादा चिड़ावा थाने में 14 मुकदमे दर्ज हुए। वहीं पिलानी, कोतवाली झुंझुनूं, सदर झुंझुनूं, मुकुंदगढ़, लुहारू, सूरजगढ़, मदनगंज, अजमेर, मुरलीपुरा थाना जयपुर, बहल व दादरी में ममाला दर्ज है। जिसमें आबकारी अधिनियम, आम्र्स एक्ट, लूट समेत अन्य प्रकार के आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए।
#ankur dangi ojtoo chirawa कुछ दिन से पत्नी से अनबन- पुलिस के जांच अधिकारी ने बताया कि अंकुर की अपनी पत्नी से कुछ दिनों से अनबन बताई जा रही है। रात को भी अनबन के चलते अंकुर की पत्नी बाहर सो रही थी। हालांकि आत्महत्या के पीछे लोग अलग-अलग कयास लगा रहे हैं। लोगों का कहना है कि अंकुर की गैंग कुछ दिनों से कमजोर पड़ती जा रही थी। जिस कारण भी अंकुर परेशान था।
होती थी मारपीट- अंकुर की एक युवक तथा थाने के हिस्ट्रीशीटर के बीच लंबे समय से वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। दोनों ही पक्षों में अक्सर मारपीट होती रहती थी। दो-तीन बार दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गाड़ी चढ़ाकर हमले भी किए। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ मामले भी दर्ज करवाए थे। मई 2020 में भी दोनों पक्षों में मारपीट के मुकदमे दर्ज हुए थे।