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राजस्थान के इस शहर में पत्नी प्रधान, पति को बना दिया ड्राइवर

पंस सदस्य उम्मेद धनखड़ ने कहा कि पंचायत समिति की सरकारी कार पर प्रधान ने अपने पति सहीराम को ड्राइवर रख लिया है। खाता-पीता परिवार है। ऐसे में ड्राइवर किसी गरीब को रखकर भला किया जा सकता है। पति को ड्राइवर बनाकर प्रधान पत्नी उनको हर माह वेतन भी देती है। इतना सुनते हीप्रधान डूडी गुस्सा हो गई।

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राजस्थान के इस शहर में पत्नी प्रधान, पति को बना दिया ड्राइवर

राजस्थान के इस शहर में पत्नी प्रधान, पति को बना दिया ड्राइवर

#chirawa pradhan indira dudi

चिड़ावा(झुंझुनूं). राजस्थान के झुंझुनूं जिले की चिड़ावा पंचायत समिति में पत्नी जहां प्रधान है वहीं प्रधान के पति उनके वाहन चालक हैं। इसके लिए उनको बाकायदा वेतन भी दिया जाता है।
पंचायत समिति सभागार में साधारण सभा की बैठक
में यह मामला प्रमुखता से उठा। इसके बाद पक्ष व विपक्ष में जोरदार बहस भी हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रधान इंद्रा डूडी ने की। बैठक में प्रधान डूडी और पंस सदस्य उम्मेद सिंह धनखड़ के बीच बहस भी हुई। पंस सदस्य उम्मेद धनखड़ ने कहा कि पंचायत समिति की सरकारी कार पर प्रधान ने अपने पति सहीराम को ड्राइवर रख लिया है। खाता-पीता परिवार है। ऐसे में ड्राइवर किसी गरीब को रखकर भला किया जा सकता है। पति को ड्राइवर बनाकर प्रधान पत्नी उनको हर माह वेतन भी देती है। इतना सुनते ही
प्रधान डूडी गुस्सा हो गई। उन्होंने कहा कि उनके पति के पास लाइसेंस है, वे मेहनत करते हैं। जिस पर किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने पंस सदस्य धनखड़ को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आप गरीबों के इतने ही मसीहा बनते हो तो खुद वृद्धावस्था पेंशन क्यों ले रहे हैं? आपने एक ग्रामसेवक की नौकरी तक दाव पर लगा दी थी। प्रधान के आक्रोशित होने पर पंस सदस्य धनखड़ भी सकपका गए। बाद में जिप सदस्य नरेंद्र कुमार, सरपंच संजय सैनी, उम्मेद सिंह बराला ने मामले को शांत करवाया।

#chirawa pradhan indira dudi

इनका कहना है-

पंचायत समिति सदस्य ने किठाना पंचायत में दो सामुदायिक भवनों और ट्यूबवैल पर कब्जा कर रखा है। मेरे पति को जो मानदेय मिलता है, उसे गरीबों पर ही खर्च किया जाता है। हमने एक बालिका को गोद ले रखा है। दो जरूरतमंद बालिका की शादी करवाई। मानदेय के अलावा हम खुद के स्तर पर भी रुपए जोड़कर जरूरतमंदों पर खर्च करते हैं।
-इंद्रा डूडी, प्रधान, चिड़ावा


इनका कहना है

मैंने जो भी मामला उठाया है वह सच है। प्रधान ने अपने पति को चालक बना रखा है। इसके लिए वे एजेंसी के माध्यम से वेतन भी देती हैं।
-उम्मेद सिंह धनखड़, सदस्य पंचायत समिति चिड़ावा