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दशहरा 2023: राजस्थान के विनोद 38 वर्षों से बन रहे रावण, गांव में रावण सरकार के नाम से पहचान, असली नाम भूले

Dussehra 2023: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के चूड़ी अजीतगढ़ की रामलीला में वर्षों से रावण का किरदार निभा रहे विनोद चोटिया की पहचान रावण सरकार के नाम से बन चुकी है। खास बात यह है कि गांव में पहली बार आने वाला कोई मित्र या रिश्तेदार भी चोटिया का पता रावण के नाम से ही पूछता है।

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Vinod chotia Ravan role in ramlila

Dussehra 2023: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के चूड़ी अजीतगढ़ की रामलीला में वर्षों से रावण का किरदार निभा रहे विनोद चोटिया की पहचान रावण सरकार के नाम से बन चुकी है। खास बात यह है कि गांव में पहली बार आने वाला कोई मित्र या रिश्तेदार भी चोटिया का पता रावण के नाम से ही पूछता है और ग्रामीण भी रावण का घर पूछने पर तुरंत समझ जाते हैं कि यह चोटिया का घर ही पूछ रहे हैं। यहां तक कि कई चिट्ठी भी रावण सरकार के नाम से विनोद चोटिया के घर पर पहुंची है।

गांव में सांस्कृतिक कला केन्द्र के तत्वावधान में होने वाली रामलीला में चोटिया ने गत 38 वर्षों से रावण का पात्र जीवंत कर रखा है। वह मंच पर जय शंकर की... बोलकर अपने अभिनय की शुरुआत करते हैं तो हर कोई उनके संवाद सुनने को बेताब नजर आता है। उनकी गरजती आवाज लोगों के कानों में बस चुकी है। यही कारण है कि हष्ट-पुष्ट शरीर और रौबदार आवाज से पूरित उनके अभिनय को देखने के लिए लोग दूर- दूर से आते हैं।

रोम-रोम समाया रामलीला का संवाद


चोटिया ने बताया कि रामलीला का हर संवाद उनकी रग-रग में समाया हुआ है। इसकी बदौलत ही वे अपनी कला को मंच पर बिखेर कर दर्शकों का मन मोह लेते हैं। इस कारण ही उनकी पहचान रावण सरकार के रूप में हो गई है।

छुट्टी लेकर आते थे गुजरात थे


लंकापति रावण का किरदार निभाने वाले व रावण सरकार के नाम से मशहूर विनोद चोटिया बताते हैं कि रामलीला में विभिन्न सजीव किरदार निभाने वाले कलाकार रामलीला में अभिनय करने के लिए नौकरी से छुट्टी लेकर गांव आते हैं। वह खुद भी गुजरात हैवी केमिकल्स में डिस्पेच इंचार्ज के पद पर नौकरी करते थे, तब रावण का किरदार निभाने के लिए छुट्टी लेकर आते थे।

युवा पीढ़ी को भी मिल रहा मंच


ग्रामवासियों के लिए रामलीला केवल आस्था या मनोरंजन का विषय नहीं है अपितु रामलीला के माध्यम से ग्रामीण परिवेश की युवा पीढ़ी के लिए मंच को तैयार करना है जिसमें युवाओं के अभिव्यक्तित्व कौशल का विकास हो सके ।

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दूर-दराज से देखने आते हैं रामलीला


चूड़ी अजीतगढ़ की रामलीला नवलगढ़, मुकुंदगढ़, मंडावा सहित आस पास के गांवों में इतनी लोकप्रिय हो चुकी है। इस कारण दूर-दराज से लोग रामलीला का आनंद लेने आते हैं।