
झुंझुनूं/पचलंगी/पत्रिका. उदयपुरवाटी उपखंड के मनसा माता गुड़ा- पौख की पवन पहाड़ी व मालखेत की पहाड़ियां बदमाशों की शरण स्थली बनी हुई है। वहीं यहां सुरक्षा व्यवस्था के लिए स्थापित पचलंगी चौकी में वाहन सहित अन्य संसाधनों के अभाव में सुरक्षा व्यवस्था एक मोटरसाइकिल के भरोसे है।
पचलंगी चौकी क्षेत्र में 8 ग्राम पंचायतों सहित अन्य दर्जनों राजस्व गांव व ढाणी, सीकर - दिल्ली मेगा हाईवे व सीकर जिले के सीमावर्ती गांव लगते हैं। लाइफ लाइन कही जाने वाली काटली नदी में अवैध खनन व आए दिन होने वाले हादसों पर नियंत्रण के लिए पचलंगी पुलिस चौकी में मात्र एक मोटरसाइकिल वाहन के रूप में है। ऐसे में बड़ी घटना होने पर 35 किलोमीटर दूरी तय कर उदयपुरवाटी थाने से पुलिस जाप्ता बुलवाना पड़ता है।
पचलंगी पुलिस चौकी प्रभारी एएसआई संत कुमार काजला के अनुसार एक वर्ष पूर्व यहां कार्यरत गाड़ी को जिला मुख्यालय झुंझुनूं पर जमा करवा दिया गया था। नई गाड़ी अभी तक चौकी को नहीं मिली है। घटना के समय निजी वाहनों की सेवा लेकर ही मौका मुआयना या घटनास्थल पर पहुंचा जाता है। हाल ही में राजू ठेहट के हत्यारों ने भी उदयपुरवाटी के पहाड़ी क्षेत्र को ही अपनी शरण स्थली बनाई थी। ऐसी घटनाएं आए दिन क्षेत्र में होती हैं। चौकी प्रभारी काजला का कहना है कि चौकी में स्टाफ पूरा है।
चंवरा चौकी में महीने में 10 -12 दिन लटका रहता है ताला
दर्जनों गांवों को सुरक्षा देने वाली गुढा गौड़जी थाने की चंवरा चौकी पर महीने में 10 - 12 दिन ताला लटका रहता है। यहां पर स्टाफ नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। चंवरा चौकी प्रभारी एएसआई विजेंद्र सिंह की मानें तो चौकी में 1 - 4 का स्टाफ है।
एक चौकी प्रभारी व चार पुलिसकर्मी। लेकिन हकीकत यह है कि वर्तमान में यहां एकमात्र चौकी प्रभारी ही तैनात हैं। वह भी महीने में 10 -12 दिन थाना मुख्यालय गुढा - गौड़जी पर तैनात रहते हैं। चौकी के लिए भूमि भी आवंटित हुई थी लेकिन उस भूमि का अभी सीमा ज्ञान नहीं हुआ है।
संबंधित थाना अधिकारियों से पुलिस चौकियों की स्थिति के बारे में जानकारी लेकर शीघ्र व्यवस्थाओं में सुधार किया जाएगा।
डॉ. तेजपाल सिंह, एसपी
Published on:
07 Dec 2022 12:38 pm
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